नई दिल्ली: गुजरात के कछ में अब तक दुनिया के सबसे लंबे नाग के अवशेष पाए गए हैं यह जो नाग हैं यह वासुकि इंडेक्स प्रजाति का है और टी-रेक्स से भी लंबा है बास्की नाग वही नाग है जिनका जिक्र सनातन धर्म के पुराण व ग्रंथों में होता है और इनके शरीर की मथानी बनाकर मंदराचल पर्वत के ऊपर लगाकर ही देवताओं एवं असुरों के द्वारा समुद्र का मंथन किया गया था जिसमें तमाम रत्न एवं माता लक्ष्मी तथा अन्य महान विभूतियां निकली थी ।
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आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों ने की है खोज।
दुनिया के सबसे लंबे विशालकाय सांप के अवशेष की खोज आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों के द्वारा की गई थी हाल ही में इसकी पुष्टि विशालकाय सांप के रूप में कर ली गई है यह अवशेष 5 करोड़ साल पुराने हैं और विभिन्न प्रजातियां विशेष कर सरीसृपों की उत्पत्ति और विकास प्रक्रिया में भारत की महत्वपूर्ण कड़ी स्थापित करने के सबूत को बयां करते हैं|
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शोधकर्ताओं ने सांप के 27 कशीरूकाओं की खोज की है जिनमें से बड़े नाग की तरह दिखते हैं और जहरीले नहीं होते हैं उनका अनुमान है की वासुकि नाम की लंबाई 50 फीट के बीच होगी और इसका वजन 1 टन रहा होगा लेकिन वासुकि नाग की लंबाई इनके अनुमान से भी ज्यादा था वह अपने रूप को जब चाहे तब बदल सकते थे अपने आकार को जब चाहे तब बढ़ा सकते थे उनको इतने जहरीले थे कि जब उनमें विश निकला था तो पूरे ब्रह्मांड में त्राहि-त्राहि मच गई थी।
बेहद ताकतवर थे वासुकि
प्राचीन धर्मग्रंथों में वासुकी नाग का बड़ा ही विशालकाय वर्णन मिलता है जिसमें बताया जाता है वासुकी नाग की लंबाई और चौड़ाई इतनी थी कि उसे सहज हाथ से नापा नहीं जा सकता था ये दिव्य एवं सिद्ध नाग हैं ये नागों में सर्वोत्तम थे तथा इनकी वंशावली भी काफी गौरवशाली थी इनके ताकत एवं इनके तेज के बारे में यह कहा जाता था कि यह एक बार जिसकी तरफ देखते वह भस्म हो जाता था इनके अंदर में इतना ज्यादा विष भरा होता था की अगर ये किसी जल में चले जाए तो उसे जल का पानी जब चाहे तब यह विषाक्त कर सकते थे|