highlighted point
अधिवक्ता अशोक जैन ने ग्वालियर हाईकोर्ट में दाखिल किया फर्जी हलफनामा| न्यायमूर्ति रोहित आर्या ने अधिवक्ता अशोक जैन को कहा है तुम अधिवक्ता के नाम पर कलंक हो| अब हलफनामे होंगे थाने से वेरिफाई दिया गया आदेश
ग्वालियर -मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में न्यायमूर्ति रोहित आर्या की अगुवाई वाली पीठ एक व्यक्ति को जमानत देने के मामले में सुनवाई कर रही थी जहाँ अधिवक्ता अशोक जैन के द्वारा याचिका में ऐसे लोगों की हलफनामे दायर किए जा रहे थे जो कि वास्तव में है ही नहीं अपने क्लाइंट को जमानत दिलाने के लिए अधिवक्ता अशोक जैन के द्वारा गलत तरीके से फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया जा रहा था उनके ऊपर यह भी आरोप लगा है कि गलत तरीके से चेंज ऑफ काउन्सिल का आवेदन करने और जमानत याचिका में फर्जी लोगों का हलफनामा लगाने की कार्यवाही उनके द्वारा की जा रही थी|
न्यायमूर्ति रोहित आर्या ने लगाई जमकर फटकार
सरकारी अधिवक्ता संजय निरंकारी ने जस्टिस रोहित आर्य के समक्ष जब इस गड़बड़ी का खुलासा किया उन्होंने बताया कि अधिवक्ता अशोक जैन के द्वारा फर्जी तरीके से हलफनामा पेश किया जा रहा है न्यायमूर्ति रोहित आर्या का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच गया एडवोकेट अशोक जैन को जमकर फटकारा और कहा “एक वो नटवरलाल हुआ करता था यहाँ के नटवरलाल तुम हो” अधिवक्ता होकर ऐसी हरकत करते हो तुम शर्म नहीं आती है ऐसी हरकत पर तो तुम्हे चुल्लू भर पानी में डूब जाना चाहिए हाईकोर्ट के अधिवक्ता अशोक जैन को लताड़ते हुए यह भी स्पष्ट किया कि तुम्हें पैसे का कितना लालच है जिसने तुम्हें अंधा कर दिया है तुम अधिवक्ताओं के नाम पर कलंक हो|
ईरान-इजरायल के बीच उथल-पुथल का दिखेगा सोने और चांदी के भाव पर असर1 लाख के पार जा सकता है दाम
हाईकोर्ट ने किया अधिवक्ता के खिलाफ़ के आदेश
हाई कोर्ट के फटकार लगाने के बीच में बड़ी ही बेशर्मी से अधिवक्ता अशोक जैन अपनी सफाई देते रहे लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी एक न सुनी और उनके खिलाफ़ में आदेश दिया साथ ही हाईकोर्ट ने उनके प्रत्येक हलफनामे को वेरिफाइ करने का आदेश दिया है साथ ही यह भी कहा है कि अगर किसी क्रिमिनल पोस्टिंग में यह हलफनामा दायर करते हैं तो उनको संबंधित थाने जाकर हलफनामें का सत्यापन करवाना होगा इस पर अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश शुक्ला ने भी आगामी सुनवाईयों में हलफनामा दायर करने वाले हरेक व्यक्ति का थाने में वेरीफाई करवानेका आदेश दिया|
UPSC अभ्यर्थियों को IAS अवनीश शरण की सलाह ऐसे ब्लॉग से रहें दूर जानिए आप भी|
ऐसे सामने आई सच्चाई
- दरअसल अशोक जैन की लापरवाही इस तरह से सामने आई उन्होंने अपने क्लाइंट के जमानत के पक्ष में यह हलफ़नामा दायर किया जिसमें हलफनामा दायर करने वाले व्यक्ति का पता चाल और लिखा गया था जो कि मध्यप्रदेश में है ही नहीं|
- वहीं एक और मामले में एक मुस्लिम व्यक्ति की जमानत के लिए याचिका दायर की गई थी जिसमें एक हिंदू व्यक्ति को उसका रिश्तेदार बताकर याचिका के साथ में हलफनामा दर्ज किया गया था जो कि संभव ही नहीं हैमुस्लिम व्यक्ति का रिश्तेदार हिंदू हो ही नहीं सकता|
- एक क्रिमिनल मामले में जो जमानत याचिका दायर की गई थी उसमें एक बड़ी चूक सामने आई जिसमें किसी अन्य आरोपी की याचिका में लगे हलफनामे को बदलकर इस याचिका के साथ में तैयार किया गया था जब इसकी विस्तृत जांच हुई तो ये लापरवाही भी पकड़ में आ गई|
कोर्ट में खुल गई अधिवक्ता अशोक जैन की पोल
हाई कोर्ट के चैंबर में मौजूद दूसरे अधिवक्ताओं ने भी अशोक जैन पर यह आरोप लगाया है कि यहाँ आए दिन जेल जाकर कैदियों से मुलाकात करते हैं और उन्हें फुसलाकर वकालतना मे पर हस्ताक्षर करवा कर ले आते है उसके दूसरे दिन हाइकोर्ट में आकर चैन जॉब काउन्सल का आवेदन दर्ज कर देते हैं जिसके लिए वह संबंधित वकील से एनओसी भी नहीं लेते हैं हाल ही में पैरोल पर आए एक अपराधी की साफ भी उन्होंने ऐसा ही किया था|
आप के लिए एक बड़ी सीख
इस घटना से आपके लिए एक बड़ी समझदारी की बात सीखने को मिलेंगी की आप जब भी किसी मुकदमे में कोई भी वकील करते हैं तो ये देख लें की वो वकील इस लायक है भी या नहीं क्या उसमें इतनी क्षमता है की वो माननीय हाईकोर्ट के समक्ष खड़ा होकर अच्छे से सबूतों को पेश कर सकता है अथवा नहीं क्योंकि काला कोट पहन लेने से कोई व्यक्ति वकील नहीं हो जाता अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक हाईकोर्ट या किसी भी कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहा है तो ऐसा नहीं है उसके पास में बहुत ज्यादा कानूनी ज्ञान होता है इसलिए जब भी आप किसी वकील को अपने लिए हायर करें तो देखिये वो विद्वान है अथवा नहीं क्योंकि अगर अशोक जैन जैसे वकील आपको मिल गए तो आप को पूरी तरह से बर्बाद करके रख देंगे|