मऊगंज -मध्य प्रदेश के राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है यहाँ पर अपर कलेक्टर जैसे वरीष्ठ अधिकारी भी चंद रुपयों में बिक कर रिश्वत ले रहे हैं आपको बताते चलें कि कुछ दिनों पहले ही नवनिर्मित जिन्हें मऊगंज के अपर कलेक्टर को लोकायुक्त ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों ट्रैप किया है बताते चलें कि अपर कलेक्टरअशोक कुमार ओहरी के द्वारा गरीब किसान से उनके पक्ष में फैसला देने के एवज में रिश्वत की मांग की गई थी और पहले एडवांस पैसा लिया जा चुका था आगे की खबर आप अगले पैराग्राफ पढ़ सकते हैं|
गरीब किसान को बनाया निशाना
शिकायतकर्ता रामनिवास तिवारी के द्वारा यह पता चला है कि बंटवारे की फाइल में राजस्व न्यायालय द्वारा उसके पक्ष में कार्रवाई करने हेतु ₹20,000 की रिश्वत की मांग अपर कलेक्टर अशोक कुमार ओहरी के द्वारा की गई जिसमें से ₹10,000 पूर्व में भी ले लिए गए शिकायतकर्ता के अनुरोध पर 5000 कम कर दिए गए और आज जब 5000 देने के लिए शिकायतकर्ता पहुंचा तब लोकायुक्त ने रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए आरोपी एडीएम यानी कि अपर कलेक्टर अशोक कुमार ओहरी को गिरफ्तार कर लिया|
बिना दबाव के निष्पक्ष होती है कार्यवाही
अपर कलेक्टर जैसे वरीष्ठ अधिकारी के ट्रैप होने के बाद आप यह विश्वास कर सकते हैं कि मध्य प्रदेश में लोकायुक्त निष्पक्ष और बिना दबाव के काम करती है क्योंकि अगर ऐसा नहीं होता तो अपर कलेक्टर को अरेस्ट करना काफी मुश्किल हो जाता इसलिए अगर आपके साथ कभी भी भ्रष्टाचार जैसी स्थिति उत्पन्न होती है या कोई भी रिश्वत मांगता है तो आप पूरे सबूत व साक्ष्य के साथ लोकायुक्त कार्यालय रीवा में अपनी शिकायत गोपनीय ढंग से दर्ज करा सकते हैं जिसके बाद लोकायुक्त के द्वारा शिकायत का वेरिफिकेशन करके उचित कार्रवाई भी की जाएगी और भ्रष्टाचारि अधिकारियों को पकड़ कर उचित सजा तक के अंजाम तक भी पहुंचाया जाएगा|