नई दिल्ली -भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल के द्वारा 17 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को आयुष्मान भारत योजना के दायरे में लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है इससे फायदा यह होगा कि बुजुर्गों को भी 5,00,000 का इलाज मुफ्त मिल चूके सकेगा यह योजना हर साल बुजुर्गों को लाभान्वित करेगी|
बुजुर्गों को मिलेगा इसका लाभ
पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल के द्वारा प्रमुख योजना आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत आय की परवाह किए बिना ही 70 वर्ष और उससे अधिक के आयु के सभी वरीष्ठ नागरिको को स्वास्थ्य कवरेज देने की मंजूरी दे दी गई है यह एक नि:शुल्क बीमा होगा जो कि सरकार के द्वारा हजर एक बुजुर्ग को दिया जाएगा इसका लक्ष्य 6,00,00,000 वरीष्ठ नागरिक को वाले लगभग 4.5,00,00,000 परिवारों को पारिवारिक आधार पर ₹5,00,000 के मुफ्त स्वास्थ्य बीमा कवर से लाभान्वित करने की योजनाकि गारंटी दी गई है|
आर्थिक मदद करना उद्देश्य
पीएमजेवाई पहले से ही करीब 55,00,00,000 लोगों को मुफ्त सेवाएं मुहैया करा चुकी है बताते चलें कि यह दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी स्वास्थ्य बीमा योजना है जिसका मकसद हर साल 12,00,00,000 परिवारों को ₹5,00,000 तक का स्वास्थ्य बीमा कवर देना है ताकि उन्हें द्वितीयक और तृतीयक अस्पतालों में भर्ती होने की जरूरत पड़ने पर आर्थिक रूप से मदद मिल सके और उन्हें कर्जा न लेना पड़े|
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने दि मंजूरी
इसी योजना में नवीन प्रावधान को जोड़ते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल के द्वारा इस बात की मंजूरी दे दी गई है कि अब 17 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को भी इस योजना का प्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलेगा बीते दिनों भारत की महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद को संबोधित करते हुए यह कहा था कि सरकार का उद्देश्य है कि 70 साल से ज्यादा उम्र के हर बुजुर्ग को इस योजना का लाभ दिया जाए जिससे वे मुफ्त इलाज पा सकें इस फैसले से बुजुर्गों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त होंगी तथा उम्र के उस पड़ाव पर जब उनके बच्चे उनका इलाज कराने से इनकार कर देते हैं तब सरकार उनका इलाज करायेगी|
असहाय हो जाते हैं बुजुर्ग
उम्र के इस पड़ाव पर पहुंचने के बाद तमाम बुजुर्ग असहाय हो जाते हैं उनके बेटों और बेटियों के द्वारा उन्हें निराश्रित कर दिया जाता है उस वक्त यह योजना उन्हें काफी काम आएगी जब वह अपना इलाज करा सकेंगे क्योंकि बुजुर्गों की जरूरतों को पूरा करने से उनके बच्चे ही इनकार कर देते हैं भारत में एक बड़ी आबादी ऐसी है जो कि अपने माता पिता को साथ में ही नहीं रखती बुजुर्ग होने के बाद माता पिता उन्हें बोझ लगने लगते हैं|