सिंगरौली -मध्यप्रदेश के नीमच जिले में हाल ही में मुकेश प्रजापति नाम का एक व्यक्ति पिछले सात से कलेक्टर कार्यालय के चक्कर लगा रहा है और शिकायत पर शिकायत कर रहा है जब उसकी शिकायतों पर सुनवाई नहीं हुई तो शिकायतों की माला पहन कर रेंगते हुए कलेक्टर कार्यालय में पहुंचा ऐसे कई मामले अब तक सामने आ चूके हैं ये इंगित करता है निरंकुश भ्रष्टाचार की ओर जहाँ आम आदमी की कोई सुनवाई नहीं है ऐसा ही एक मामला सिंगरौली में सामने आया है जहाँ पर तकरीबन 1 साल पहले हुई अ हत्या का खुलासा अब तक पुलिस नहीं कर पाई है हालांकि पीड़ित परिवार की तरफ से आरोपियों के नाम भी पुलिस को दिए गए हैं लेकिन पुलिस उन आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज नहीं कर रही है|
साल भर पहले हुई थी वारदात
गौरतलब है कि माणा थाना अंतर्गत ग्राम बड़गड़ पोस्ट मकरोहर में सालभर पहले रामसनय वैश्य नाम के एक व्यक्ति की हत्या जमीनी विवाद में हो गई थी जिसके बाद माणा पुलिस ने अपराध क्रमांक 780/2023 कायम किया और अज्ञात आरोपियों के खिलाफ़ IPC की धारा 302 के तहत मुकदमा पंजीबद्ध कर मामले को विवेचना में लिया हैरानी की बात ये है की साल भर बीत जाने के बाद भी पुलिस किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुँच पाई है जबकि पुलिस के द्वारा वारदात में प्रयुक्त की गई लाठी भी बरामद कर ली गई है आवेदक जब भी थाने में जाता है तो उससे ये पूछा जाता है कि क्या तुमने मर्डर करते हुए किसी को देखा था और कई तरह के बेतुके सवाल भी पुलिस के द्वारा किये जाते हैं|
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एसपी से लेकर मुख्यमंत्री तक हुई शिकायत
इस मामले में कार्यवाही नहीं होने पर मृतक के पुत्र महेश कुमार वैश्य के द्वारा पुलिस अधीक्षक सिंगरौली से लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री तक इस मामले की शिकायत की गई लेकिन अब तक इस विषय में कोई भी कार्यवाही नहीं की गयी है ना तो मुकदमे में पुलिस के द्वारा आरोपियों का नाम डाला जा रहा है और न ही पुलिस किसी भी निष्कर्ष पर पहुँच पा रही है पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिस के द्वारा आरोपी पक्ष से सांठगांठ करके मामले को दबाया जा रहा है वहीं आरोपी पक्ष बार-बार पीड़ित परिवार को धमकी दे रहा है की जैसे तुम्हारे पिता को जान से मार दिए थे वैसे तुम्हे भी खत्म कर देंगे|
एसपी की जनसुनवाई का हाल बेहाल
कहने को तो सिंगरौली एसपी के द्वारा प्रत्येक मंगलवार को जनसुनवाई की जाती है यहाँ पर दूर दराज से आए हुए आवेदक अपनी शिकायत पुलिस अधीक्षक को देते हैं लेकिन उन शिकायतों पर शायद ही कोई कार्रवाई हो पाती है एक उदाहरण आपके सामने ही है कि साल भर में तकरीबन चार दफा आवेदक द्वारा पुलिस अधीक्षक की जनसुनवाई में जाकर आवेदन दिया गया लेकिन आज तक इस मामले में मुकम्मल कार्यवाही नहीं हो पाई है इसी तरह की तकरीबन कई मामले हैं लेकिन उनमें से कुछ सामने आ जाते हैं तो कुछ नहीं आ पाते हैं|
कलेक्टर की जनसुनवाई में भी कई बार हुई शिकायत
ना सिर्फ एसपी की जनसुनवाई में ही बल्कि कलेक्टर की जनसुनवाई में भी पीड़ित के द्वारा कई बार शिकायत की गई लेकिन वहाँ से आवेदन को जांच के लिए तो भेज दिया जाता है लेकिन उस जांच का कोई प्रतिवेदन नहीं मिल पाता और ना ही मामले में कोई कार्रवाई हो पाती है इस मामले में भी इआस ही हुआ है जिसके कारण आरोपी खुले आम घूम रहे हैं और उनका मनोबल बढ़ा हुआ है पीड़ित परिवार ने कहीं सुनवाई नहीं होने पर आज भी पीड़ित दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं और 03/09/2024 को पुनः पुलिस अधीक्षक की जनसुनवाई में उपस्थित होकर शिकायत आवेदन पत्र पीड़ित के द्वारा प्रस्तुत किया गया है देखना ये है कि अब इस आवेदन पर कार्रवाई होती है या फिर आवेदक को निराशा ही हाथ लगती है|