नई दिल्ली-सुप्रीम कोर्ट के द्वारा आम आदमी पार्टी के नेता एवं दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को 17 महीने के बाद जमानत दे दी गई है 530 दिन के बाद मनीष सिसोदिया अब बाहर की हवा में सांस लेने जा रहे हैं गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी के वरीष्ठ नेता को पिछले साल 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था तब से वह तिहाड़ जेल में ही बंद थे|
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सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को दी जमानत
न्यायमूर्ति जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच के द्वारा सिसोदिया को ₹10,00,000 के निजी मुचलके पर जमानत दे दी गई है बेंच ने यह कहा है कि यह अपील स्वीकार की जाती है और दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को रद्द किया जाता है जिसमें मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार किया गया था|
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दोनों मुकदमों में दि जमानत
उन्हें ईडी और सीबीआई दोनों के द्वारा दर्ज किये गये मुकदमों में जमानत दी गई बेंच के द्वारा यह कहा गया कि सिसोदिया स्पीडी ट्रायल के अधिकार से वंचित हैं हाल ही में जावेद गुलाम नबी शेख केस में हमने इस पक्ष पर विचार किया था और कहा था कि जब कोर्ट राज्य एजेंसियां स्पीडी ट्रायल के अधिकारों की रक्षा नहीं कर सकती है तो जमानत का यह कहकर विरोध नहीं किया जा सकता है कि अपराध गंभीर है अपराध की प्रकृति कैसी भी हो आर्टिकल 21 लागू होता है|
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भागने के आरोप को कोर्ट ने किया खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि सीसोदिया की जो जड़े हैं वह समाज में काफी गहराई के साँथ लोगों से जुड़ी हैं इसलिए उनको भागने की संभावना नहीं है सर्वोच्च अदालत ने यह भी कहा कि जितने भी सबूत थे वह जब्त किए जा चूके हैं इसलिए उनमें छेड़छाड़ की संभावना भी नहीं है कोर्ट ने जांच एजेंसियों की इस दलील को भी खारिज किया कि ट्रायल में देरी की वजह खुद मनीष हैं सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि ट्रायल में देरी के मामले में निचली अदालतों को उदारता से जमानत पर विचार करना चाहिए|