चंडीगढ़-पंजाब में 26 साल बाद भाजपा पूरी तरीके से हार चुकी है यहाँ से उसे एक भी लोकसभा सीटें नहीं मिली है बताते चलें कि देशभर के 542 लोकसभा सीटों के नतीजे लगातार अब आते जा रहे हैं वहीं भाजपा की टेंशन थोड़ी बढ़ गई है क्योंकि उसे कई राज्यों में करारी हार का सामना करना पड़ रहा है|
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कांग्रेस के प्रदर्शन में सुधार
कांग्रेस ने अपने प्रदर्शन में सुधार किया है तो वहीं भाजपा का प्रदर्शन थोड़ा खराब हो गया है भाजपा फिलहाल 242 सीटों पर ही सिमटती हुई दिखाई दे रही है वहीं कांग्रेस 99 सीटों पर अटक गई है भाजपा को एक तरफ उत्तर प्रदेश और राजस्थान में करारा झटका लगा है जहाँ उसे 2014 और 2019 में भारी बहुमत के साथ जीत हासिल हुई थी लेकिन पंजाब में भाजपा को जो ये करारी हार मिली है उसके कुछ मुख्य कारण बताये जा रहे हैं क्योंकि यहाँ पर पंजाब बीजेपी का खाता भी नहीं खुला है|
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पंजाब में क्या है ताजा हाल
पंजाब में कांग्रेस ने सात सीटों पर बढ़त हासिल की है वहीं आम आदमी पार्टी ने तीन सीटों पर अपना दबदबा बरकरार रखा है दो सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार बढ़त में है बठिंडा सीट से अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल को विजय मिलती हुई दिखाई दे रही है परंतु भाजपा का यहाँ किसी भी सीट पर खाता खुलता हुआ नजर नहीं आ रहा है गौरतलब है कि 1998 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब भाजपा को पंजाब में एक भी सीट नहीं मिली हो क्योंकि पंजाब में भाजपा एक बहुत ही अच्छी स्थिति में थी|
1998 से ही पंजाब में भारतीय जनता पार्टी को कोई न कोई सीट जरूर मिलती थी 1998 भाजपा को तीन सीटें प्राप्त हुई थी फिर 1999 में जब चुनाव हुए तो वो एक ही सीट सीट पर जीत हंसिल कर पाई 2004 के के चुनाव में वह तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी और भाजपा को 2014 के चुनाव में यहाँ से एक सीट मिली थी तो वहीं 2019 में दो सीटों पर जीत हाँसील हुई थी|