Sailry after iitian-भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में पढ़ने वाले बच्चों को लेकर दावा किया जाता है कि यहाँ पर जो भी बच्चा पढ़ कर निकलता है उन्हें करोड़ों रुपये का पैकेज मिलता है और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान(Indian Institute of Technology) से पढ़कर निकलने वाले बच्चों के नौकरी की पूरी तरह से गारंटी होती है|
अगर आप भी इस बात पर विश्वास करते हैं तो इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपका दिमाग हिल जाने वाला है क्योंकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता यहाँ से पढ़कर निकलने वाले बच्चों को भी नौकरी की गारंटी नहीं होती हैऔर हर साल ऐसे बच्चे होते हैं जो आइआइटी से पढ़कर भी बेरोजगार होते हैं रही बात करोड़ों के पैकेज की तो इस आर्टिकल को आप लगातार पढ़ते रहिये आपको उस विषय में भी पूरी जानकारी मिल जाएगी|
IIT में पढ़ने के बाद कितनी सैलरी मिलती है?
दरअसल आईआईटी से पढ़ाई करने के बाद करोड़ों रुपये के पैकेज का सपना लेकर 12 से 13 लाख युवा हर साल जेईई की परीक्षा देते हैं लेकिन उनमें से कुछ ही इस परीक्षा को क्वालीफाई कर लेते हैं आपको बता दें कि ये जो आपको सुनने को मिलता है की आईआईटी से निकलने वाले हर एक बच्चे की सैलरी होती है तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है|
IIT रुड़की के पूर्व छात्र रहे गौरव गर्ग जो कि यूपीएससी की परीक्षा क्वालीफाई करकेभारतीय वन सेवा के अधिकारी हैं उन्होंने एक ट्वीट करके सोशल मीडिया एक्स पर बताया किअक्सर हम आईआईटी में विद्यार्थियों को करोड़ों की सैलरी पैकेज मिलने के बारे में सुनते हैं आईआईटी में मिलने वाले प्लेसमेंट की असल स्थिति क्या है इसके बाद गौरव आगे लिखते हैं कि आइआइटी से पढ़कर निकलने वाले फ्रेशर्स को आम तौर पर मात्र ₹6,00,000 से लेकर ₹35,00,000 तक सालाना सैलरी मिलती है|
माना कि कुछ ऐसे ब्रान्चेस है जिसमें कंप्यूटर साइंस और इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग वालों को ज्यादा सैलरी पैकेज वाली जॉब ऑफर की जाती है आईआईटी बॉम्बे ,आईआईटी दिल्ली, आईआईटी कानपुर और दूसरे आईआईटी के स्टूडेंट को करोड़ों सैलरी वाले ज्यादातर ऑफर अमेरिका या सिंगापुर या अन्य किसी देश में स्थापित कंपनियों के द्वारा दिए जाते हैं जहाँ की करोड़ों रुपये की सैलरी बहुत कम मानी जाती है कोडिंग डोमेन में इस तरह के काफी ऑफर आते हैं सॉफ्टवेयर फील्ड के लोगों को इस तरह की सैलरी पैकेज दिए जाते हैं|
इस ब्रांच के इंजीनियर्स को मिलती है ज्यादा सैलरी
भारतीय वन सेवा के अधिकारी गौरव गर्ग के द्वारा बताया गया कि कंप्यूटर साइंस ब्रांच के इंजीनियर्स को छोड़ दिया जाए तो बाकी इंजीनियरिंग ब्रांच के बच्चों की औसतन सैलरी 10 से ₹12,00,000 प्रतिवर्ष रहती है आपको बता दें कि इस ये सीटीसी होती है और जो मेन सैलरी और उनके अकाउंट में क्रेडिट की जाती है वो सीटीसी का मात्र 50-60 प्रतिशत हिस्सा हीहोता है|
क्या होती है सीटीसी?
यहाँ आपको यह भी ध्यान रखने की जरूरत है कि आपको जो पैकेज बताया जाता है की किसी व्यक्ति को ₹1,00,00,000 का पैकेज मिला है तो ₹1,00,00,000 उसे सैलरी के रूप में नहीं दिए जाते हैं बल्कि ₹1,00,00,000 वह राशि होती है जो कंपनी के द्वारा उस इम्प्लॉई पर खर्च की जाती है मेन जो पैसा उस इम्प्लॉई के खाते में जाता है वहीं उसकी सैलरी होती हैजो कि पूरे पैकेज की मात्र 50 एवं 60 फीसदी होती है तो आपको इस भ्रम में नहीं पड़ना है कि कोई आपको 1,00,00,000 सैलरी बता रहा है तो ₹1,00,00,000 ही उसके खाते में जाते हैं|