भोपाल- मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने में हुई गड़बड़ी और घोटाले की जांच करने के लिए राज्य प्रशासनिक सेवा के जिन अधिकारियों को भेजा गया था वह भी अब कार्रवाई के जद में आ गए हैं बताते चलें कि इन भ्रष्ट अधिकारियों ने रिश्वत लेकर फर्जी कॉलेजों को मान्यता दी और उन्हें पूर्ण बता दिया जबकि वह अपूर्ण थे बताते चलें कि सरकार ने ऐसे सभी अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के आदेश जारी कर दिए हैं जो मान्यता के पूर्व होने वाली संबंधी जांच दल में शामिल थे और उन्होंने रिश्वत लेकर के फर्जी प्रतिवेदन प्रस्तुत किया था|
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दर्जन भर तहसीलदारों और नायब तहसीलदार को नोटिस
राजस्व विभाग के द्वारा 14 तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा यह भी कहा गया है कि वह राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करें इससे कार्यवाही में कई एसडीएम भी आएँगे बताते चलें कि इनके के द्वारा भी इसी तरह की भ्रष्ट रीति-नीति का प्रयोग करते हुए नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता दी गई थी|
निरीक्षण में सामने आई गड़बड़ी
नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने के दौरान निरीक्षण के लिए दल बनाकर भेजे गए अधिकारियों के द्वारा भूमि सहित अन्य संसाधनों का सत्यापन किया जाना था लेकिन उन्होंने निरीक्षण प्रतिवेदन के आधार पर मान्यता देने के संबंध में जितनी जानकारियां दीं व सभी फर्जी निकली उच्च न्यायालय के निर्देश पर हुई जांच में कई कॉलेज निर्धारित मापदंड पर खरे नहीं उतरे जिन्हें पात्र बताया गया था उनमें सैकड़ों कमियां निकल कर सामने आई जिससे यह पता चला की जांच करने वाले अधिकारियों ने रिश्वत लेकर उन्हें फर्जी तरीके से पूर्ण बता दिया है|
कई अधिकारियों को किया जा चुका है बर्खास्त
इसी मामले में सीबीआई और राज्य पुलिस सेवा के तमाम अधिकारियों को बर्खास्त भी किया जा चुका है और कई अधिकारी इसके जद में हैं बताते चलें की रिपोर्ट प्रस्तुत करने वाले 14 अधिकारियों को नोटिस देकर उनसे पूछा गया है कि आखिर कैसे जिन कॉलेजों को आपने प्रतिवेदन में उपयुक्त बताया था वह सीबीआई के जांच में अनुपयुक्त कैसे हो गए गौरतलब है कि इससे पहले जांच दल में शामिल मेडिकल कॉलेजों के सहायक प्राध्यापक और नर्सिंग अधिकारियों को मिलाकर 111 लोगों को नोटिस दिया जा चुका है|
सैकड़ों अधिकारियों के खिलाफ़ होगी कठोर कार्रवाई
जिन भी निरीक्षण दलों के द्वारा झूठा प्रतिवेदन पेश प्रस्तुत किया गया था उनमें शामिल राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के विरुद्ध अब अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी इसके लिये सामान्य प्रशासन विभाग ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस भी भेज दिया है और आगे की तैयारी भी पूरी कर ली है बताते चलें कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर सीबीआइ द्वारा अनुपयुक्त बताए गए 33 कॉलेजों को अब तक बंद कराए जा चूके हैं आगे भी तमाम कॉलेज बंद करवाए जाएंगे इस मामले की पूरी जांच हाईकोर्ट मध्यप्रदेश की निगरानी में की जा रही है|