सिंगरौली-एक और सरकार उद्योग धंधे रेलवे परियोजनाएं लगाकर विकास करने का प्रयास करती है तो दूसरी ओर भ्रष्ट अधिकारी और राजनेता परियोजना में अपनी रोटी सेंकने से पीछे नहीं हटते बताते चलें कि सिंगरौली जिले की कोल परियोजनाओं के साथ साथ ललितपुर सिंगरौली रेल लाइन परियोजना में हुए वृहद स्तर के मुआवज़े के घोटाले की जांच के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के द्वारा हाईलेवल इन्क्वायरी के आदेश दिए गए हैं कि अंतर विभागीय टीम का गठन किया जा चुका है|
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सात दिनों में जांच करके पेश की जाएगी रिपोर्ट
मुख्यमंत्री के द्वारा गठित किए गए जांच टीम ने रीवा संभाग के कमिश्नर के साथ ही अपर आयुक्त टू अभिनव ग्वालियर और उप महानिरीक्षक जबलपुर शामिल किए गए हैं या इतनी हाई लेवल टीम है इन अधिकारियों तक का आम लोगों और नेताओं की पहुँच भी नहीं हो सकती बताते चलें की इस दल को सात दिनों के अंदर विस्तृत तरीके से जांच करके प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया हैमुख्यमंत्री के द्वारा दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों तथा किसी भी नेता पर कठोर कार्रवाई के लिए निर्देश भी दिया गया है|
रडार में आएँगे नेता से लेकर वर्तमान और पूर्व अधिकारी
सिंगरौली ललितपुर रेलवे परियोजना तथा कोल परियोजना में मुआवजा घोटाला इस स्तर पर हुआ है कि अगर निष्पक्ष तरीके से गहन जांच हुई तो इस मामले में न सिर्फ वर्तमान अधिकारी फंसेंगे बल्कि तमाम पूर्व एवं वर्तमान अधिकारी तथा कई नेता भी फंसेंगे इस संबंध में दो वर्ष पहले ही आवाज उठाई गई थी लेकिनइस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई लेकिन जब लगातार मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायतें पहुंचने लगी औरइस संबंध में घोटाले का पैरामीटर काफी ऊपर हुआ तब इस मामले में जांच टीम गठित की गई
आदिवासियों की जमीन पर गैर आदिवासियों के मकान
पारदर्शिता के लिए बनाई गई वेबसाइट का अवलोकन करने पर यह पाया गया कि घिरौली कोल माइंस का प्रारूप छह सात के अनुसार जो पंचाट रूट किया गया है उसमें आदिवासियों की जमीनों पर गैर आदिवासियों का नाम का उल्लेख है नियम के अनुरूप प्रत्येक व्यक्ति के आधार नंबर का भी जिक्र किया जाना आवश्यक था परन्तुउसे इसलिए नहीं किया गया है क्योंकि अगर आधार नंबर का जिक्र किया जाता है तो इस मामलेमैं जो फर्जी लोग अपना घर बनवाकर मुआवजा लेने की फिराक में हैं उनके नाम सामने आ जाएतो यही से पता चलता है कि इस मामले में अधिकारियों की भी बड़ी मिलीभगत है|
पूर्व मंत्री के द्वारा तैयार करवाया गया ₹6,00,00,000 का फर्जी मुआवजा
विशेष सूत्रों के मुताबिक जानकारी मिली है किरौली कोल माइंस के लिए सिंगरौली जिले में किए गए वर्जन में एक पूर्व मंत्री के द्वारा अपने परिजनों के नाम पर गलत तरीके से ₹6,00,00,000 का फर्जी मुआवजा तैयार करवाया जा चुका है इस माइनस के लिए भू अर्जन की प्रक्रिया शुरू होने के बाद 11 का प्रकाशन होने के बाद 2 दिन पहले पूर्व मंत्रियों कीउसे औने पौने दामों पर जमीन खरीदी गई इसका कुल है राजस्व निकलकर ₹6,00,00,000 आता है इसी तरह इसमें कई माननीय भी शामिल हैं|