पन्ना-मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा आम जनता की शिकायतों के निराकरण के लिए सीएम हेल्पलाइन सेवा शुरू(CM helpline service started) की गई थी जिसमे की आम जनता के द्वारा की गई शिकायतों के निराकरण का प्रावधान था एक स्तर पर शिकायत का निराकरण नहीं होने के कारण उस शिकायत को उच्चस्तरीय अधिकारी के पास भेज दिया जाता था जिससे की उसकी मॉनीटरिंग होने के कारण संबंधित अधिकारी आम जनता की उस शिकायत को निराकरण करने के लिए बाध्य हो जाते थे लेकिन आज सीएम हेल्पलाइन की जो सेवा हैं वो भ्रष्ट अधिकारियों के हाथों की कठपुतली बनकर रह गई है आइए आपको पूरी घटना के बारे में बता दे|
भ्रष्ट अधिकारी खेल रहे हैं भ्रष्टाचार का खेल
इस बात में कोई दो राय नहीं कि सरकारी विभाग में अधिकांश अधिकारियों की प्रवृत्ति जो होती है वह भ्रष्ट ही होती है लेकिन विभाग में एक वरीष्ठ स्तर पर कुछ ईमानदार अधिकारी एवं ईमानदार जनप्रतिनिधि हैं जिनके द्वारा निरीक्षण में यह पाया गया है कि किसी जरूरतमंद के द्वारा की गई शिकायत का निराकरण किये बिना ही भ्रष्ट अधिकारियों कर्मचारियों तथा भ्रष्ट बाबुओं के द्वारा शासन के उच्च अधिकारियों को शिकायत के निराकरण की प्रतिवेदन को पेश कर दिया जाता है तथा फर्जी तरीके से शिकायत को बंद करवा दिया जाता है जिससे कि आम जनता की शिकायत का निराकरण ही नहीं हो पाता|
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बेईमान अधिकारी ही करवातें हैं झूठी शिकायतें
महीनों भर जिले के बाहर और फिर कभी कभार जिले में दर्शन देने वाले अधिकारियों के द्वारा झूठी शिकायतें करवाई जाती है तथा उसे बंद करवा दिया जाता है इसलिए है कि सीएम हेल्पलाइन के मामले में जिले की समीक्षा हो तब ग्रेडिंग अच्छी आय बता दें मप्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री के द्वारा यह नियम बनाया गया था कि किसी भी शिकायत का निराकरण तब तक नहीं माना जाएगा जब तक शिकायतकर्ता सहमति न दें ऐसी स्थिति में मजबूत भ्रष्टाचारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के द्वाराजो फर्जी शिकायतें करवाई जाती है उनसे झूठी सहमति दिलवाकर उसे बंद करवा दिया जाता है|
मजबूत भ्रष्ट अधिकारियों का गंदा खेल
भ्रष्ट अधिकारियों के इस रवैये के कारण शिकायतकर्ता हैरान और परेशान हो जाता है कभी-कभी तो ऐसी भी स्थिति आती है कि कलेक्टर के स्तर से भी शिकायतों को बिना निराकरण के बंद कर दिया जाता है इस मामले में वरीष्ठ अधिकारी जिनके ऊपर यह जिम्मेदारी होती है वो इस मामले की मॉनीटरिंग करें वह इस मामले की मॉनीटरिंग तो करते है वो गलतियाँ भी पाते हैं लेकिन इस पर कोई कठोर कार्रवाई नहीं करते जिससे कि उच्च स्तरीय जिम्मेदार अधिकारियों एवं सरकार की किरकिरी होती है ये वही अधिकारी हैं जो पैसा सरकार से लेते हैं लेकिन काम भ्रष्टाचारियों का करते हैं|
आमूलचूल परिवर्तन की जरूरत
इसलिये सीएम हेल्पलाईन को वाकई में आम जनता के मदद के लायक बनाने के लिए इसमें आमूलचूल परिवर्तन करने की जरूरत है इसमें एक ऐसे सिस्टम को इंस्टॉल करने की जरूरत है जिससे कि ना तो फर्जी शिकायतें करवाई जा सकेन और करवाई भी जा सके तो उन्हें गलत तरीके से बन्द ना करवाया जा सके शिकायतों को फोर्स क्लोज़ ना किया जा सके वरीष्ठ स्तर पर इसकी मॉनीटरिंग की उचित व्यवस्था भी होनी चाहिए अगर ऐसा नहीं हुआ तो सीएम हेल्पलाइन हेल्प लेस हो जाएगी जो वर्तमान में हो चुकी है|