उज्जैन-मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में एक युवती के द्वारा भारतीय सेना के जवान(Indian Army soldiers) को झूठे दुष्कर्म के केस में फंसाया गया था बताते चलें की लंबी सुनवाई के बाद में न्यायालय के द्वारा सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए आर्मी जवान के खिलाफ़ दायर किए गए मुकदमे को रद्द कर दिया गया है बताते चलें की इंटरनेट मीडिया से शुरू हुई दोस्ती दुष्कर्म के मुकदमे पर जाकर खत्म हुई|
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पहले ही बता दिया था नहीं करेंगे शादी
युवती के द्वारा आर्मी के जवान पर यह आरोप लगाए गए थी कि विवाह का झांसा देकर जवान ने उसके साथ 2 साल तक दुष्कर्म किया है जिसके बाद उसने शादी से इनकार कर दिया इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके गिरफ्तार कर लिया और पुलिस के द्वारा जांच पूरी कर के आरोप पर कोर्ट में दाखिल किया गया बताते चलें कि जवान की तरफ से कोर्ट को यह बताया गया कि उसने पहले ही युवती को यह बता दिया था कि वह शादी नहीं करेगा युवती को यह सब कुछ पहले से ही मालूम था लेकिन इसके बावजूद वह लगातार सेना के जवान के साथ रहीं और संबंध स्थापित करने की अनुमति देती रही|
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विलंब से रिपोर्ट दर्ज करवाने के कारण खारिज हुआ मामला
मुकदमा खारिज होने की सबसे मुख्य वजह में से एक वजह यह भी बनी की रिपोर्ट विलंब से दर्ज करवाई गई तथा शादी से इनकार करने के बावजूद भी युवती के द्वारा संबंध बनाने की सहमति दी गई थी इस आधार पर हाइकोर्ट के द्वारा सेना के जवान को राहत देते हुए उनके खिलाफ़ मुकदमे को खारिज करने के आदेश दे दिए गये|
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ट्रेनिंग के दौरान हुई थी मुलाकात
सूत्र बताते हैं कि प्रतीक सोलंकी निवासी गायत्री नगर उज्जैन जो की वर्तमान में सेना में कार्यरत हैं और कश्मीर के कुपवाड़ा में पदस्थ हैं बताते चले ये सोलंकी की 2020 में इंटरनेट मीडिया के माध्यम से एक युवती से द दोस्ती हुई थी उस दौरान वह भारतीय सेना में ट्रेनिंग दे रहे थे उसके बाद वो फ़ोन पर बातचीत शुरू हुई और यह सिलसिला बढ़ता गया मुलाकात हुई और फिर संबंध स्थापित हुए लेकिन युवती के द्वारा संबंध स्थापित करने की अनुमति दी गई थी और उसे यह मालूम था कि शादी नहीं होगी लेकिन इसके बावजूद युवती ने सोलंकी के खिलाफ़ फरवरी 2023 में पुलिस ने मुकदमा दर्ज करवा दिया जिसे की सेना के जवान के द्वारा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी और सुनवाई के बाद में हाईकोर्ट के द्वारा मुकदमे को रद्द कर दिया गया|