सिंगरौली – मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले के अंतर्गत कोतवाली थाना के प्रभारी इन्स्पेक्टर सुधेश तिवारी को सिंगरौली जिले की तेज-तर्रार पुलिस अधीक्षक श्रीमती निवेदिता गुप्ता ने निलंबित कर दिया है बताते चलें की थाना प्रभारी सुधेश तिवारी के खिलाफ़ रमेश शाह की पत्नी आरती शाह के द्वारा पुलिस अधीक्षक के पास लिखित शिकायत की गई थी कि उनके पति के ऊपर टीआई के द्वारा फर्जी मुकदमा कायम किया गया है|
जांच में पाये गए दोषी
तथा उनके ऊपर दबाव बनाकर रेत का कारोबार भी करवाया जाता था तथा टीआई एवं रमेश शाह के बीच हुई बातचीत के चैट रिकॉर्ड भी पेश किए गए इस मामले की जांच कराई गई तथा लेटेस्ट हिन्दी न्यूज के द्वारा भी इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित करते हुये पुलिस मुख्यालय के संज्ञान में यह मामला लाया गया था जिसके बाद जांच के आदेश हुये थे जिसमें की टीआई दोषी पाए गए जिसके उपरान्त पुलिस अधीक्षक के द्वारा टीआई सुधेश तिवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया|
रेत माफियाओं से सांठगांठ मामले में पाए गए दोषी
अवैध रूप से रेत का कारोबार करने वाले रमेश शाह की पत्नी आरती शाह ने पुलिस अधीक्षक सिंगरौली को पेश किए गए आवेदन में बताया है कि उनके पति रमेश शाह के ऊपर दबाव बनाकर टीआई सुदेश तिवारी के द्वारा लगातार अवैध रेत का खनन करवाया जाता था तथा उनसे पैसे भी लिए जाते थे आरती शाह ने यह माना है कि रमेश शाह के द्वारा अवैध रूप से रेत का कारोबार किया जाता था और इनसे सुधेश तिवारी का साठगांठ हुआ करता था बताते चलें कि इस मामले की जांच सिंगरौली पुलिस अधीक्षक के द्वारा सीएसपी विंध्यनगर पीएस परस्ते से करवाई गई इस जांच में इंस्पेक्टर सुधेश तिवारी दोषी पाए गए बताते चलें कि इंस्पेक्टर सुधेश तिवारी को उनके वीरता और बहादुरी के लिएपूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील के द्वारा सम्मानित भी किया गया है|
आम जनता पर फर्जी एफआईआर करने का मामला
थाना प्रभारी रहते हुए सुदेश तिवारी के ऊपर कई बार यह आरोप भी लगे कि उन्होंने एक विशेष पक्ष से साठगांठ करके आम जनता के ऊपर कई फर्जी मुकदमे भी कायम किए हैं और बेकसूर लोगों को मुल्जिम बना दिया इसके साथ ही सूत्रों ने ये भी बताया कि जब कोई भी फरियादी थाने पर मुकदमा करवाने के लिए जाता था तो उसका मामला वास्तविक होने के बाद भी शिकायती पत्र लिख कर जांच के नाम पर उसे अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दिया जाता था और एफआईआर दर्ज होना दूर का ढोल सुहावन जैसा हाल हो जाता थाइस मामले की शिकायत भी कई बार पुलिस अधीक्षक के पास पहुंची थी|
पॉक्सो एक्ट के आरोपी को 4 दिन में मिल गई थी जमानत
कोतवाली थाना प्रभारी सुधेश तिवारी के कार्यकाल में एक ऐसा मामला प्रकाश में आया जिसमें की पॉक्सो ऐक्ट के आरोपी को महज 4 दिन में जमानत मिल गई इसका कारण सिर्फ यही था कि पुलिस के द्वाराअदालत में जमानत आवेदन का व्यापक तौर पर न तो विरोध किया गया और ना ही गंभीरतापूर्वक इस मुकदमे में सरकारी वकील को मामले के तथ्य बता कर पेश कराया गया और जब वह आरोपी जेल से बाहर निकला तब उसने पीड़िता को धमकी देना भी शुरू कर दिया और जब इस मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक से की गई तब पुलिस अधीक्षक के द्वारा मौखिक रूप से टीआई श्री तिवारी को यह आदेशित किया गया कि आरोपी को गिरफ्तार किया जाए लेकिन ना तो आरोपी को गिरफ्तार किया गया है और न ही अलग से कोई मुकदमा पंजीकृत किया गया|
ले डूबा अवैध रेत का कारोबार
सूत्रों के द्वारा ये भी जानकारी मिली कि इंस्पेक्टर सुधेश तिवारी के कार्यकाल में अवैध रेत का कारोबार व्यापक पैमाने पर फैला हुआ था अवैध रेत की कारोबारियों पर नकेल कसने के लिए व्यापक रणनीति बनाकर कार्रवाई भी नहीं की गई जिससे की अवैध रेत माफिया का मनोबल इतना बढ़ गया कि कई तरह की दुर्घटनाएं भी होने लगी इन्हीं सब कारणों के कारण टीआई श्री तिवारी को निलंबित कर दिया गया|