अनुपपुर- कुछ पुलिस अधिकारी और कर्मचारी जब वर्दी पहनते हैं तो वह खुद को जनता का सेवक नहीं बल्कि जनता का मालिक समझने लगते है बताते चले की अनुपपुर जिले की कोतवाली में पदस्थ पुलिसकर्मियों के द्वारा नाबालिग लड़के के साथ एक ऐसा ही दुर्व्यवहार करने का मामला सामने आया था जिसके विषय में नाबालिग के पिता कमलेश यादव निवासी ग्राम सीतापुर द्वारा पुलिस अधीक्षक अनूप पुर के कार्यालय में शिकायत की थी जिसकी शिकायत की जांच करवाकर पुलिस अधीक्षक इसरार मंसूरी के द्वारा दोषी उपनिरीक्षक के खिलाफ़ कार्रवाई की है|
जांच के बाद उप निरीक्षक लाइन अटैच
पुलिस अधीक्षक मोहम्मद इसरार मंसूरी के द्वारा उप निरीक्षक मंगला दुबे जो की कोतवाली में पदस्थ थे शिकायत के विरुद्ध शिकायत प्राप्त होने के बाद जांच के उपरांत लाइन अटैच कर दिया गया है बताते चलें कि यह कार्रवाई अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के द्वारा की गई बताते चलें कि उप निरीक्षक मंगला दुबे के खिलाफ़ विगत दिनों पीड़ित पिता के द्वारा शिकायत में यह कहा गया था कि 26 अप्रैल की रात उप निरीक्षक मंगला प्रसाद दुबे प्रधान आरक्षक शेख रसीद महेंद्र राठौर मनोज गुर्जर और वाहन चालक दिनेश पाटिल घर पर अचानक पहुंचे जहाँ पर उन्होंने कहा कि एसडीओपी अनूपुर सुमित के द्वारा तुम्हारे घर पर रखी रेत को जब्त करने के लिए भेजा है|
नाबालिग से दुर्व्यवहार में नप गए दरोगा साहब
जिसके बाद वह गाली गलौज और मारपीट पर उतारू हो गए जिसका वीडियो मेरा बेटा बना रहा था और वीडियो बनते देख पुलिसकर्मियों ने उसे मारपीट की और उसका फ़ोन भी छीन लिया इसके बाद गाड़ी में बैठाकर बच्चे को उठाने लगे जहाँ पर उसके साथ मारपीट की गई इस दौरान बेटे के द्वारा बनाए गए वीडियो को भी फ़ोन से डिलीट कर दिया इस मामले की शिकायत के बाद निष्पक्ष जांच के बाद उपरांत उप निरीक्षक को लाइन अटैच कर दिया गया है तथा जिले में सभी पुलिसकर्मियों को संयम में रहकर काम करने के आदेश दिए गए|