ग्वालियर- मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति आनंद पाठक के नाम पर एक जमानत याचिका में अधिवक्ता अवधेश भदौरिया के द्वारा ₹60,000 की रिश्वत मांगने के मामले में मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने दोषी पाया है और सजा के तौर पर ₹5,00,000 का जुर्माना वकील के ऊपर लगाया है इसके साथ ही ₹2000 का अतिरिक्त जुर्माना लगाया है जुर्माने की राशि को अधिवक्ता को एमपी बार असोसिएशन के खाते में 15 दिन के भीतर जमा करवाकर हाई कोर्ट को सूचित करने का भी आदेश दिया गया है|
5 साल पहले दर्ज कराई गई थी शिकायत
अधिवक्ता अवधेश भदौरिया के खिलाफ़ 2018 में यह शिकायत दर्ज कराई गई थी बताते चलें कि शिकायतकर्ता विनय सिंह भदौरिया के द्वारा बताया गया कि उनके भाई राजेश भदौरिया की एक मामले में जमानत होनी थी जिसमें अधिवक्ता के रूप में अवधेश सिंह पेश हुए उन्होंने इसी मामले में जस्टिस आनंद पाठक को देने के नाम पर ₹60,000 की रिश्वत ली की इस बात का जिक्र शिकायतकर्ता ने प्रिंसिपल रजिस्ट्रार से भी किया था और शपथ पत्र के साथ अपनी शिकायत दर्ज करवाई थी|
अधिवक्ता को पाया गया दोषी
माननीय हाईकोर्ट के द्वारा इस शिकायत पर व्यापक पैमाने पर सुनवाई और जांच करवाई गई बताते चलें की चीफ जस्टिस की बेंच ने इसकी सुनवाई की थी जिसमें रिश्वत कांड के आरोपी वकील और शिकायतकर्ता के बीच हुई लेन देन की बातचीत का ऑडियो भी प्रस्तुत किया गया था और इसकी भी जांच करवाई गई थी जब प्रदेश के सागर स्थित फोरेंसिक साइंस लैब मेंऑडियो की जांच कराई गई तो आवाज का मिलना भी पाया गया जिसके बाद कोर्ट ने संबंधित मामले में अधिवक्ता पर जुर्माना लगाकर अपना अंतिम निर्णय लिया है|