मण्डला- सरकारी नौकरी करने की होड़ आखिर क्यों मची होती है इस खबर के बाद में आपको अंदाजा लग जाएगा इसका कारण यही है की यहाँ पर कुछ मामलों में छोड़ दिया जाये तो भ्रष्टाचार अपने चरम पर होता है बताते चलें कि शिक्षा विभाग जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण विभाग जहाँ पर नौनिहाल बच्चों को तैयार किया जाता है और इन्हीं बच्चों पर देश का भविष्य निर्भर करता है वहाँ पर करोड़ों रुपये के घोटाले सामने आ रहे हैं बताते चलें कि मंडला जिले के निवास beo कार्यालय में अवैध रूप से बैठाए गए कंप्यूटर ऑपरेटर सतीश बर्मन के द्वारा किए गए ₹1,00,00,000 के घोटाले को उजागर किया गया है|
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ऐसे किया था बोगस भुगतान
दरअसल कंप्यूटर ऑपरेटर सतीश बर्मन द्वारा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में रोजगार सहायकों के द्वारा फर्जी मनरेगा मजदूर को किए जाने वाली पेमेंट की ट्रिक को अपनाया गया था उसी ट्रिक का इस्तेमाल करते हुए सतीश ने अपने पत्नी और रिश्तेदारों के खाते में पिछले पांच 6 साल के दौरान ₹52,00,000 से अधिक राशि नियम विरुद्ध तरीके से ब्लैकमेलिंग करते हुए ट्रांसफर करके निकाल ली थी|
अधिकारियों पर भी शक
इसके अतिरिक्त छात्रवृत्ति बोर्ड को दी जाने वाली इस संबद्धता शुल्क कर्मचारियों के हाउस रेन्ट का हेरफेर किया था तथा स्कूलों में प्राचार्यों को आवंटित होने वाली राशि तथा विभिन्न प्रकार के मदों में भी इसने खूब भ्रष्टाचार किया था या पूरा गबन ₹1,00,00,000 से अधिक होने की आशंका जांच टीम के द्वारा बताई जा रही है जांच टीम भी हैरान हैं कि आखिर बिना वरीष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत के इसने इतने बड़े स्तर पर घोटाला कैसे किया|
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ऐसे पकड़ में आया गबन
आरोपी क्लर्क सतीश वर्मन के द्वारा दूसरे लोगों के खाते में पैसे को ट्रांसफर भी किया गया बताते चलें की निवास बीईओ कार्यालय मेंकई तरह के फंड में वर्ष 2018 से वर्तमान दिवस तक ₹80,00,000 तक का गबन किया गया है इस गड़बड़ी को डायरेक्टर अकाउंट भोपाल के द्वारा उजागर किया गया और उन्होंने पकड़ा भी था ज़ाहिर सी बात है कि इतना बड़ा घोटाला बिना वरीष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत के हो ही नहीं सकता उनकी भूमिका की भी जांच की जा रही है संचालक के द्वारा जबलपुर संभाग आयुक्त को पत्र लिखते हुए इस वित्तीय गड़बड़ी के मामले में जांच कराने को कहा गया था इस संबंध में जांच करके आरोपी के खिलाफ़ सख्त कार्रवाई की जा रही है|
बेहद बारीकी से की जा रही है जांच
वहीं संयुक्त संचालक वित्त श्री कौशल के द्वारा जानकारी मिली कि जिला कोषालय मंडला ने विभाग के 17 खातों को सीज कर दिया है उनकी गहनता से जांच की जा रही है और दूसरे भी ट्रांजैक्शन्स की जांच जारी है जांच ईस प्रकार से की जा रही है कि भले किसी के खाते में ₹1 गया हो उसे पकड़ा जा सके इस मामले में जीतने भी लोग शामिल हैं उन्हें बख्शा नहीं जाएगा|