नई दिल्ली – सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक अच्छे विवाह की मर्यादा के विषय में कहा की सहनशीलता,समायोजन और सम्मान एक अच्छे विवाह की नींव है छोटे मोटे-झगड़े और छोटे-मोटे मतभेद साधारण मामले होते हैं जिन्हें बढ़ा चढ़ाकर पेश नहीं किया जाना चाहिए इससे वह चीजें नष्ट हो जाती है जिसके बारे में कहा जाता है कि वह स्वर्ग में बनती है|
आपके लिये खास
रिश्तेदार बना देते हैं बात का बतंगड़
सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा कि कई बार विवाहित महिला के माता पिताऔर करीबी रिश्तेदार बात का बतंगड़ बना देते हैं इस स्थिति को संभालने तथा शादी को बचाने के बजाय उनके कदम छोटी छोटी बातों पर वैवाहिक बंधन को पूरी तरह से नष्ट कर देते हैं अगर आप विवाहित हैं या विवाह करने जा रहे हैं तो माननीय सुप्रीम कोर्ट की ये जो बात है वह आपके जीवन को स्वर्ग से सुंदर बना सकती है और आपका वैवाहिक जीवन सुखमय हो सकता है|
दहेज उत्पीड़न के मामले में पीठ कर रही थी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट एक महिला के द्वारा अपने पती के खिलाफ दर्ज कराए गए दहेज एक्ट के मामले में सुनवाई कर रही थी और इसी दौरान यह टिप्पणी की गई पीठ के द्वारा यह कहा गया की छोटे- मोटे विवाद होन पर महिला व उसके माता-पिता व रिश्तेदारों के दिमाग में सबसे पहले चीज पुलिस ही आती है जैसे की पुलिस सभी बुराइयों का रामबाण इलाज हो|
हर बात का समाधान दहेज ऐक्ट नहीं
माननीय सर्वोच्च न्यायालय की ये जो टिप्पणी है इससे आपको अपने जीवन में जरूर उतारना चाहिए और आपको यह समझना चाहिए चाहे आप एक पुरुष हैं या एक महिला हर एक बात का समाधान न तो दहेज एक्ट है ना ही पुलिस और न ही कोर्ट है कुछ बातों को बैठकर और आपस में सुलझा लेना ही बेहद अच्छी बात होती है|
क्योंकि एक रिश्ते को बनाने में और उसे संभालने में काफी ज्यादा वक्त लग जाता है लेकिन बिगाड़ने में ज़रा भी वक्त नहीं लगता अगर आप एक पति और पत्नी के रूप में जीवन यापन कर रहे हैं तो आपको एक दूसरे को समझना चाहिए और एक दूसरे का सम्मान भी बरकरार रखना चाहिए आपको एक दूसरे के बीच में किसी भी बात को लेकर सहनशीलता की भावना को भी उत्पन्न करना चाहिए ये नहीं की अगर कोई भी बात होती है|
तो आप सीधे कोर्ट पहुँच जाएं और अपने पति या पत्नी पर मुकदमा कर दें इस बात से आपका बना बनाया रिश्ता परिवार पूरी तरह से खत्म हो सकता है और शायद कभी उसे ठीक होने की गुंजाइश भी ना रहे इसीलिए सोच समझकर किसी भी प्रकार का कोई भी कदम उठाएं और पारिवारिक मामलों में रिश्तेदारों और दूसरों की सलाहों से जितना ही दूर रहेंगे उतना ही ज्यादा सुखी रहेंगे क्योंकि जितना अच्छे से आप अपने पति और पत्नी को समझते हैं उतना अच्छे से कोई दूसरा समझे ये जरूरी नहीं|