सागर -मध्यप्रदेश के सागर जिले के जैसीनगर थाना क्षेत्र के चांदनी में 4 साल की एक बच्ची का अपहरण करके दुष्कर्म करने का मामला सामने आयाके बाद बच्ची की हत्या भी कर दी है पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है दरअसल आरोपी परिवारजनों से मिला जुला था और वह उन्हीं के साथ मिलकर बच्ची का शव भी तलाश रहा था दिन भर उसने शव को अपने कब्जे में रखा डीएनए रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया|
खेत की मेड़ पर मिला लड़की का शव
गौरतलब है कि 8- 9 अप्रैल की मध्य रात चाँदनी गांव में खेत में बने मकान में अपने माता पिता के रही 4 साल की बेहद मासूम बच्ची का किसी के द्वारा अपहरण कर लिया गया था दूसरे दिन दिन भर तलाश करने के बाद तीसरे दिन 10 अप्रैल को सुबह घर के करीब आधा किलोमीटर दूर खेत के मेड़ पर लड़की का शव मिला पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बच्ची से दुष्कर्म की बात सामने आने के बाद पुलिस ने 66 ए 376 एबी 302 के तहत मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू कर दिया जहाँ पर बच्ची का अपहरण हुआ था उस घर में पला पालतू कुत्ता के न भौंकने पर पुलिस ने वारदात में आसपास या परिचित व्यक्ति पर ही संदेह हुआ जिसके बाद पुलिस ने घरवालों सहित पूरे परिवार व आसपास रहने वाले सात लोगों के डीएनए सैंपल कराएं और टेस्टिंग के बाद पुलिस के द्वारा परिचित निलेश पिता कल्लू और कल्याण प्रजापति को गिरफ्तार कियाखुद को बचाने के लिए परिवार का देता रहा साँथ|
खुद को बचाने के लिये चलता रहा चाल
सूत्रों के मुताबिक बीते 8-9 अप्रैल की रात उसने शराब के नशे में माता पिता के साँथ सो रही 4 साल की मासूम बच्ची को घर से उठाया और करीब आधा किलोमीटर दूर खेतों से होते हुए अपने खेत के पास ले गया जहाँ उसने लड़की का दुष्कर्म किया और उसके बाद लड़की की मृत्यु हो गई शव को निलेश ने बोरे में डालकर छिपा दिया दूसरे दिन घरवालों के साथ मिलकर खुद लड़की की लाश खोजता रहा लेकिन जब मामले की जांच में तेजी आई तब उसने खुद को बचाने के लिए लड़की की शव को खेत के मेड़ पर फेंक दिया|
दूसरे दिन वह नाटकीय ढंग से अपने ही गाड़ी में गांव के दो-चार लोगों को बैठाकर कचरा फेंकने के बहाने गया और वहाँ ट्रैक्टर में बैठे लोगों को खेत पर दिखाते हुए कहा देखो वहाँ कुछ पड़ा हुआ है ऐसे कहते हुए वह वहाँ पर पहुंचा लड़की के शव को लोगों को दिखाया जिसके बाद निलेश ने खुद गांव में जाकर सभी को शव होने की बात कही इसके बाद बच्ची के अंतिम संस्कार में शामिल होकर अपनी दिनचर्या सामान्य रूप से जीने लगा जिससे कि उनके ऊपर किसी भी प्रकार का कोई शक ना हो|
डीएनए रिपोर्ट से सामने आ गई सच्चाई
गहन जांच के बाद पुलिस को किसी भी प्रकार का जब सुराग नहीं लगा तब पुलिस ने आसपास के रहने वाले लोगों के डीएनए सैंपल लेने शुरू किये जब ये बात निलेश को पता चली तब हुआ वह बिना भाग गया इस पूरे मामले की जांच और गिरफ्तारी करने में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सागर लोकेश सिन्हा सहित उनके टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही थीएसपी ने पुलिस टीम को ₹10,000 का पुरस्कार भी दिया है|