मुंबई – अगर आप डिजिटली तौर पर कर्जा लेते हैं तो आज आपको पूरी जानकारी नहीं मिलती है लेकिन पारदर्शिता बढ़ाने के लिए आरबीआई के द्वारा नियामक ढांचे के मसौदे का प्रस्ताव तय किया गया है कर्ज देने वाली यूनिट को अपने पास उपलब्ध सभी कर्ज प्रस्तावकों की जानकारी संभावित कर्जदारों को उपलब्ध करानी होगी जिससे उनके लिए कर्ज लेने का फैसला करना आसान रहे|
खास आपके लिये
आरबीआई के द्वारा इस मसौदे में प्रस्ताव पर 31 मई तक विभिन्न पक्षों से टिप्पणियां और सुझाव आमंत्रित किए गए हैं एलएसपी विनियमित बैंकिंग इकाई(LSP Regulated Banking Unit) का एक एजेंट होता है जो ग्राहक जोड़ने व कर्ज देने की प्रक्रिया का निर्धारण करते हैं निगरानी और विशेषज्ञों की वसूली या ऋण पोर्टफोलियों में मौजूदा आउटसोर्सिंग दिशानिर्देशों के हिसाब से काम करता है आरबीआई के द्वारा डिजिटल ऋण खर्च उत्पादों में पारदर्शिता पर जारी परिपत्र में ये कहा गया की एलएसपी को कर्जदार की जरूरत को ध्यान में रखते हुए सभी इच्छुक कर्जदाताओं के पास डिजिटल ब्योरा मुहैया कराना चाहिए इसके साँथ वार्षिक दर एवं अन्य शर्तों की जानकारी उपलब्ध होनी चाहिए|
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RBI ने जताई थी चिंता
रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने पिछले साल दिसंबर में एक मसौदा जारी किया था और इस पर यह कहा था कि ऋणदाता के लिए निर्णय को नियंत्रित करने या प्रभावित करने की स्थिति में मौजूद लोगों को कर्ज देना चिंता का विषय हो सकता है इस तरह की उधारी में नैतिक खतरे का मुद्दा भी शामिल हो सकता हैमैं एक तालमेल की स्थिति बन सकती है और लोगों को उनके निर्णय लेने की प्रक्रिया आप में समझने में आसानी होगी|