जबलपुर -अगर आप किसी चिटफंड कंपनी में पैसा निवेश करते हैं और किसी एजेंट के माध्यम से करते हैं और बाद में वो कंपनी भाग जाती है तो इसमें आप एजेंट के ऊपर कोई सवाल नहीं उठा सकते और ना ही एजेंट दोषी होगा|
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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी से जुड़े एक ऐसे ही मामले की सुनवाई करते हुए या महत्वपूर्ण निर्णय दिया है जिसमें की एक चिटफंड कंपनी के एजेंट को आरोपी बनाया गया था इसमें ये पाया गया कि आरोपित खुद उस स्कीम में निवेशक है इसी आधार पर न्यायमूर्ति विशाल धगट की एकलपीठ ने आवेदकों को सशर्त अग्रिम जमानत का लाभ दे दिया आवेदक इंदौर निवासी संजय कुमार मंडलोई व देवास निवासी जितेंद्र पटेल की ओर से अधिवक्ता नितिन जैन व समता जैन के द्वारा बहस की गई जिनके द्वारा यह दलील दी गई कि निवेशकों की शिकायत पर सीहोर की आस्था पुलिस ने आवेदकों के विरुद्ध धोखाधड़ी सहित दूसरी धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है|
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एजेंट भी कंपनी के निवेशक
गौरतलब है कि आवेदक जी लाइफ इंडिया चिटफंड कंपनी में एजेंट के रूप में काम करते है और निवेशकों से पैसे लेकर संचालकों के पास जमा कर देते हैं वह संचालक और निवेशकों के बीच में एक चयन के रूप में काम करते थे आवेदकों ने स्वयं भी उसी कंपनी में निवेश किया है आवेदकों की यह जिम्मेदारी नहीं है कि वे निवेशकों के पैसे लौटाए हाइकोर्ट ने भी ये माना की आवेदक कंपनी केवल कर्मचारी हैं इसलिए उनकी जिम्मेदारी नहीं बनती हाई कोर्ट ने अभियोजन को सहयोग करने और ट्रायल के दौरान हर पेशी पर हाजिर होने जैसे शर्तों के साथ जमानत का लाभ दे दिया है|
घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन सावधानी ज़रूरी
अगर आप किसी चिटफंड कंपनी में एजेंट हैं और वो कंपनी भाग गई है और लोगों का पैसा अपने जमा करवाया है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन ये ध्यान देने की बात यह है कि किसी भी ऐसी चिटफंड कंपनी में आप काम ही ना करे जो अविश्वसनीय हो क्योंकि मुकदमा तो दर्ज हो ही जाएगा और ट्रायल आपको फेस करना ही पड़ेगा जमानत आपको एक दर्द निवारक दवाई की तरह होती है बाद में आप जेल भी जा सकते हैं|