इंदौर-मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा जनता की समस्याओं को सहज और सुलभ तरीके से सुलझाने के लिए “जन हेतु जन सेतु” के रूप में सीएम हेल्पलाइन की शुरुआत की गई थी लेकिन आज सीएम हेल्पलाईन की हालत कुछ इस तरह है कि आज इसे ही हेल्प की जरूरत है क्योंकि अधिकारी ज्यादातर शिकायतों के निराकरण में लापरवाही तो बरतते ही है साथ में साठगांठ करके फोर्स क्लोज़ करवा देते हैं हैरत की बात तो यह है कि इतना सब होने के बावजूद भी प्रदेश लेवल पर ऐसे जिलों की रैंकिंग फर्स्ट और सेकंड में आ जाती है लेकिन अब शिकायत का निराकरण नहीं करने वाले अधिकारियों को तनख्वाह भी नहीं मिलेगा|
इंदौर जिले में आदेश जारी
कलेक्टर जिला इन्दौर के द्वारा एक आदेश जारी किया गया है जिसमें यह कहा गया है कि 22 साल 2024 को समयावधि प्रकरण की समीक्षा बैठक आयोजित की गई बैठक में विभागवार सीएम healpline के शिकायतों की समीक्षा की गई जिसमें यह पाया गया कि कुछ विभागों की रैंकिंग काफी पीछे है शिकायतों के निराकरण का प्रतिशत काफी कम है वहाँ अगस्त में विभाग की रैंकिंग 40 से अधिक होने पर उन्हें विभाग के कार्यालय प्रमुख का कार्य नहीं तो वेतन नहीं के आधार पर एक महीने का वेतन राजसात कर दिया जाएगा|
दूसरे जिलों में भी इसी तरह के आदेश की जरूरत
इंदौर में तो यह आदेश जारी कर दिया गया है लेकिन अभी मध्य प्रदेश के तमाम जिलों में इस तरह के आदेश की काफी कमी है कलेक्टर्स के द्वारा लगातार मॉनीटरिंग नहीं की जाती है और मॉनीटरिंग की भी जाती है तो कठोर कार्यवाही नहीं की जाती जो इसलिए इस तरह के आदेश की आवश्यकता दूसरे जिलों में भी है या सिर्फ कागजी आदेश जारी करने के बल्कि उस आदेश का कितना पालन हुआ उसकी भी मॉनीटरिंग करने की भी जरूरत है जिससे किसी अनुप्रयोग की स्थिति में सुधार आ सके|