The hottest region of the sun is named as -सूर्य का प्रकाश मनुष्य जीवन के लिये अत्यंत महत्वपूर्ण है सूर्य का प्रकाश अगर नहीं होता तो ब्रह्मांड के तमाम हिस्सों में मानव जीवन संभव नहीं हो पाता यह पृथ्वी भी वीरान हो जाती पेड़ों के उगने में मनुष्य जीवन के जीने में भोजन से लेकर हर एक चीज़ में सूर्य के प्रकाश की आवश्यकता होती है यहाँ तक कि हमारे शरीर में भी सूर्य का प्रकाश होता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि सूर्य के अंदर प्रकाश कैसे निकलता है और यहाँ पर जो सबसे गर्म जगह है उसका नाम क्या है आइए हम आपको दिलचस्प तथ्यों के बारे में बताते हैं जिन्हें जानकर आपको काफी मज़ा आएगा और आपकी जानकारी में भी होंगी|
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सूर्य में कैसे उत्पन्न होता है प्रकाश
सोलर सिस्टम का सबसे मुख्य ग्रह सूर्य का जन्म 4.6 बिलियन साल पहले ग्रविटेशनल कोलैप्स के कारण हुआ था इससे पहले यह एक बादल के रूप में था जिसमे की भारी मात्रा में पदार्थ भरे हुए थे यहाँ पर एक विखंडन हुआ जिससे की बाकी हिस्से टूटकर अलग-अलग ग्रह और पिंड बन गए और सूर्य का हिस्सा अलग हो गया सूर्य से जो रौशनी निकलकर हम तक पहुंचती है|
वह 10,00,000 पुरानी है सूर्य के जिससे रौशनी निकलती है उसे कोर कहते हैं यहाँ पर तो हाइड्रोजन परमाणु मिलकर एक हीलियम परमाणु बनाते हैं जिससे कि एक महाविस्फोट होता है और इसी महाविस्फोट से फोटॉन निकलते हैं जिनकी गति 3,00,000किलोमीटर प्रति सेकंड होती है यहाँ तक आप ये समझ लीजिए कि आप तक और हम तक जो सूर्य की रौशनी पहुँच रही है वह 10,00,000 वर्ष पुरानी यानी कि मानव सभ्यता से भी पुरानी है|
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ब्रह्मांड का सबसे ज्यादा मैटर सूर्य में
सूर्य के अंदर ब्रह्मांड का सर्वाधिक मैटर भरा हुआ है एक रिपोर्ट के मुताबिक 98.9% मैटर जो कि ब्रह्मांड का है वसूली के अंदर ही समाहित हैं सूर्य के पृथ्वी से दूरी 14,88,00,000 किलोमीटर है और सूर्य से निकलकर पृथ्वी तक पहुंचने में प्रकाश के लिये जो समय लगता है 8 मिनट 30 सेकंड का लगता है इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि सूर्य का प्रकाश कितनी तेज गति से चलता है ब्रह्मांड में सबसे तेज गति से चलने वाला सूर्य का प्रकाश ही है|
1 मिनट में होते हैं अनगिनत महाविस्फोट
सूर्य के अंदर 2 हाइड्रोजन परमाणुओं के मिलने से1 मिनट में हजारों महाविस्फोट होते हैं और इन्हीं महाविस्फोटों के कारण भयंकर प्रकाश भी जब आप सुन के अंदर जाएंगे तो हजारों किलोमीटर तक अंदर जाने पर आपको कई पर्दे मिले उन्हीं परतों में से एक परत है|
जहाँ पर दुनिया के सबसे अधिक पदार्थ का समावेश और उन्हीं पदार्थों के कारण हाइड्रोजन परमाणुओं पर काफी दबाव बनता है और इसी दबाव के कारण वे एक दूसरे के नजदीक आते हैं और नजदीक आने के बाद यह एक दूसरे में परमाणु अभिक्रिया करते हैं और नाभिकीय संलयन नाम की अभिक्रिया को जन्म देते हैं जिससे कि महाविस्फोट होता है और लगातार ऊर्जा निकलती रहती है सूर्य जो है वहाँ ब्रह्मांड का कभी न खत्म होने वाला ऊर्जा का स्रोत है|
एक दूसरे के नजदीक क्यों जाते हैं हाइड्रोजन
हाइड्रोजन के दोनों परमाणु का आकार समान होता है और दोनों परमाणु में और प्लस चार्ज होता है लेकिन फिर भी यह दूसरे के नजदीक चले जाते हैं हालांकि यह एक दूसरे के नजदीक जाते समय एक दूसरे को पीछे धकेलते हैं लेकिन मैटर के दबाव के कारण यह एक दूसरे के नजदीक जाकर नाभिकीय संलयन(nuclear fusion)और विखंडन की अभिक्रिया को जन्म देते हैं|
जिससे की कभी न रुकने वाला विस्फोट जारी रहता है और इस विस्फोट से जो ऊर्जा निकलती है वह छोटे-छोटे पैकेटों में निकलती है जिसे फोटॉन करते हैं यहा ऊर्जा मानव जीवन के लिए काफी हानिकारक होती है लेकिन कोर से निकलकर पृथ्वी तक पहुंचने में इसमें काफी परिवर्तन होता है और यही ऊर्जा मानव जीवन के लिये जीवनदाता बन जाती है|
सूर्य के सबसे गरम स्थान का नाम
सूर्य का सबसे गर्म स्थान कोर है यह एक ऐसा अकेला क्षेत्र है जो कि नाभिकीय संलयन के माध्यम से ऊर्जा की सबसे बड़ी मात्रा को उत्पादित करता है 99%ऊर्जा सूर्य के इसी क्षेत्र से उत्पन्न होती है इसकी जो त्रिज्या है वह 24% के भीतर है त्रिज्या के 30% के द्वारा संलयन को लगभग पूरी तरह से बंद कर दिया गया है सूर्य भी बाकी तारों की तरह एक तारा ही है लेकिन इसका आकार पृथ्वी से कई गुना ज्यादा बड़ा है यह 600 बिलियन टन ऊर्जा को प्रति घंटा उत्सर्जित करता है सूर्य के सतह का तापमान15.7,00,00,000 केल्विन के करीब है इसके विपरीत सूर्य की सतह का तापमान 5800 कैल्विन है|
सूर्य के कारण जीवन चक्र संभव
सूर्य अगर नहीं होगा तो ना तो वर्षा होगी और ना ही वृक्षों का विकास हो पायेगा और जब यही दोनों नहीं रहेंगे तो मानव जीवन का भी विकास नहीं हो पायेगा इसलिए आप यह समझ गए होंगे कि सूर्य हमारे जीवन के लिए कितना आवश्यक है हर एक जीव जंतु से लेकर मनुष्य जीवन तथा मनुष्य के जीवन में होने वाली सभी प्रकार की गतिविधियों के लिए सूर्य की काफी आवश्यकता है समझ लीजिए कि अगर सूर्य नहीं रहेगा तो जीवन की कल्पना करना भी संभव नहीं है|
अभी भी अनसुलझे हैं सूर्य के कई रहस्य
तमाम रिसर्च के बावजूद भी अभी भी सूर्य के तमाम रहस्यों को सुलझाया नहीं जा सका है आज सूर्य के बारे में जितनी भी जानकारी है वह सूर्य की मौजूदा जानकारी की मात्र 1% की है सूर्य रहस्यों से भरा हुआ है और उन रहस्यों को पता लगाने के लिये आज भी दुनिया के तमाम संस्थानों के द्वारा शोध किए जा रहे हैं और इन्हीं अनुसन्धानों से तमाम जानकारियां निकलकर सामने आती है लेकिन इसके बावजूद भीसूर्य के संपूर्ण रहस्यों को नहीं सुलझाया जा सका आने वाले समय में तकनीकी इतनी इजाज़त देगी कि सूर्य के बाकी रहस्यों को सुलझाने में काफी मदद मिले गी फिर भी इसमें काफी समय लगेगा|