Rank structure of indian police services-अगर किसी व्यक्ति के साथ कोई अपराध हो जाता है तो उस विषम परिस्थिति में पी जब उस व्यक्ति को कोई याद आता है वो भी सबसे पहले तो वह पुलिस ही होती है भले ही पुलिस मदद करे या ना करे लेकिन व्यक्ति दौड़कर पुलिस के पास ही जाता है लेकिन क्या आपको पता है कि पुलिस अधिकारियों में भी एक पदानुक्रम होता है|
और एक अधिकारी होता है जिसके अंदर कई पुलिस अधिकारी व कर्मचारी होते हैं फिर उनके ऊपर भी एक अधिकारी होता है पूरा एक सिस्टम बना हुआ है और अधिकांश मामलों में देखा जाता है कि पुलिस लोगों की मदद करती ही है जितना वह कर सकती है तो यहाँ पर हम आपको बताएंगे कि भारत ने पुलिस के कितने पद होते हैं और उनकी पद संरचना क्या है|

Rank structure of indian police services-पुलिस राज्य का विषय
राज्य में कानून व्यवस्था बनाना या राज्य का विषय है इसलिए अपने राज्य में जो पुलिस होती है वह उसे राज्य के नियंत्रण में ही रखा जाता है केंद्रीय स्तर के नेतृत्व का पुलिस पर किसी भी प्रकार का कोई अधिकार नहीं होता हालांकि जो केंद्रीय स्तर के अधिकारी आदेश का निर्देश जारी करते हैं उसे राज्य के पुलिस अधिकारी मानने के लिए या राज्य उसे मारने के लिए बाध्य होता है परन्तु सेंट्रल का डायरेक्ट कंट्रोल पुलिस के ऊपर नहीं होता राज्य के अधिकारियों का ही कंट्रोल राज्य के पुलिस के ऊपर होता है यूं समझ लीजिए कि पूरा पुलिस सिस्टम मुख्यमंत्री व राज्य में नियुक्त डीजीपी के अंतर्गत होता है|
Who is the highest police officer in india-भारत का सबसे बड़ा पुलिस अधिकारी कौन होता है?
Rank structure of indian police services-नगर सैनिक
नगर सैनिक का जो पद होता है वह पुलिस सिस्टम में सबसे निचले स्तर का पद होता है इन पदों पर ज्यादातर होमगार्ड के जवान तैनात होते हैं कभी-कभी पुलिस के कांस्टेबल को भी इन पदों पर तैनात कर दिया जाता है निर्भर करता है की शहर की पूरी व्यवस्था क्या है अगर कोई बड़ा शहर है तो वहाँ पर पुलिस कॉन्स्टेबल्स भी इस पदों पर तैनात होती है प्रशासनिक व्यवस्था के तहत जिले के पुलिस अधीक्षक को अधिकार होता है कि वह इन पदों पर किसी की भी नियुक्ति कर सकते हैं जो इस रैंक का पुलिस कर्मचारी हो|
Rank structure of indian police services-पुलिस कॉन्स्टेबल
जिंस तरीके से भारतीय सेना में सैनिक का पद होता है उसी तरीके से पुलिस में कॉन्स्टेबल का पद होता है यह जमीनी स्तर पर रहकर पूरा काम करते हैं पुलिस के अधिकारीयों की मदद करते हैं जैसे किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी करना हो कभी किसी आरोपी को पकड़ना हो कोई वारंट तामील करवा ना हो ये सारे काम कॉन्स्टेबल्स करते हैं इन पर पुलिस अधीक्षक का भी नियंत्रण होता है एवं उनसे नीचे जो अधिकारी होते हैं उनका भी नियंत्रण होता है ये अधिकारी ग्रेड में नहीं आते|
Rank structure of indian police services-हेड कॉन्स्टेबल
कॉन्स्टेबल से जो ऊपर का पद होता है वह हेड कॉन्स्टेबल का होता है कॉन्स्टेबल पर काम करते हुए व्यक्ति जब अच्छा प्रदर्शन करता है तो उसका प्रमोशन हेड कॉन्स्टेबल के पद पर हो जाता है यह अपराधों की जांच करते हैं जब कोई एफआइआर होती है तो जो उसकी पहली जांच होती है उसकी जांच हेड कॉन्स्टेबल के द्वारा ही की जाती है बहुत कम मामले ऐसे होते हैं जिनमें राजपत्रित अधिकारी या ऊपर के अधिकारी जांच करते हैं तो ये समझ लीजिए कि अगर किसी मुकदमे में ये अगर कुछ लिख देते है तो उसे चेंज करवाने में पसीने छूट जाते हैं तो यूं कहें कि इनकी ताकत जब ये कोई अपराध की जांच कर रहे होते है उस दौरान काफी ज्यादा होती है|

Rank structure of indian police services-सहायक पुलिस उपनिरीक्षक
जब हेड कॉन्स्टेबल बेहतरीन प्रदर्शन करते हैं और उनकी सर्विस काफी ज्यादा दिन की होजाती है तब उनका प्रदर्शन सहायक पुलिस उपनिरीक्षक के पद पर हो जाता है सहायक पुलिस उपनिरीक्षक जिन्हें मुंशी के नाम से भी जाना जाता है ये थानों एवं चौकी में पूरा रिकॉर्ड मेंटेन करते हैं इन्हें मुँशी जी भी कहा जाता है और जब कोई गंभीर अपराध होता है|तो उस दौरान भी ये जांच करते हैं या फिर जांच करने में राजपत्रित अधिकारियों की मदद करते हैं जमीनी स्तर पर इन्हें थाना और चौकी क्षेत्र की पूरी जानकारी होती है कि कौन से गांव में किस प्रकार का अपराध होता है ये काफी अनुभवी होते हैं क्योंकि ये ज़मीनी स्तर पर ही काम करते हुए सहायक पुलिस उपनिरीक्षक बने होते हैं इनकी डायरेक्ट एंट्री नहीं होती ये कॉन्स्टेबल से ही प्रमोशन पाकर सहायक पुलिस उपनिरीक्षक बनते हैं|
Rank structure of indian police services-पुलिस उपनिरीक्षक
पुलिस उपनिरीक्षक जिसे सब इंस्पेक्टर के नाम से भी जाना जाता है इनकी परीक्षा भी होती है और प्रमोशन से भी पुलिस उपनिरीक्षक बना जाता है जैसे कि सहायक पुलिस उपनिरीक्षक का प्रमोशन जब होगा तब पुलिस उप निरीक्षक के पद पर इनका प्रमोशन हो जाएगा पुलिस उप निरीक्षक के द्वारा विभिन्न अपराधों की जांच कांस्टेबल एवं हेड कॉन्स्टेबल जैसे पुलिस कर्मचारियों का नेतृत्व किसी भी आरोपी को पकड़ने में जो दल गठित किया जाता है उनका नेतृत्व करना इत्यादि होता है|
Rank structure of indian police services-यहई बनते हैं चौकी प्रभारी
जब इन्हें फील्ड में भेजा जाता है तो चौकी में बतौर चौकी प्रभारी भी इन्हें तैनात किया जाता है लेकिन जो अच्छे और पकड़ वाले उप निरीक्षक होते हैं चौकी में तैनात किया जाता है ये थाने में भी रहते हैं और अगर ये वरीष्ठ हैं तो थाना अध्यक्ष की अनुपस्थिति में थाने के संपूर्ण कर्तव्यों का निर्वहन भी करते हैं आरोपियों की गिरफ्तारी से लेकर उन्हें पकड़ना या फिर अगर इन काउंटर के लिए कोई टीम गठित की जाती है तो उसे लीड करना इनके महत्वपूर्ण कार्य होते हैं महिला संबंधी गंभीर अपराधों में भी ये जांच कर सकते हैं इनकी जांच करने की जो क्षमता होती है वो इतनी होती है की ये पूछ्ताछ के लिए किसी को बुला सकते हैं|
Rank structure of indian police services-पुलिस इन्स्पेक्टर
इंस्पेक्टर के पदों पर डायरेक्ट भर्ती नहीं होती है भर्ती सब इंस्पेक्टर के पद पर होती है और जब इनका प्रमोशन होता है तब ये पुलिस इंस्पेक्टर बनते हैं इनके कंधे पर थ्री स्टार होता है इन्हे थाने में थाना अध्यक्ष के पद पर भी तैनात किया जाता है मध्यप्रदेश में इन्हें टीआइ यानी की टाउन इंस्पेक्टर के नाम से जाना जाता है उत्तर प्रदेश में इन्हें एसएचओ के नाम से जाना जाता है एसएचओ का मतलब स्टेशन हाउस ऑफिसर होता है जहाँ पर कमिश्नरेट व्यवस्था होती है वहाँ पर इन्हें एसीपी के नाम से जाना जाता है एसीपी का मतलब होता है असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस|
Rank structure of indian police services-सीएसपी
सीएसपी का मतलब सिटी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस होता है यानी की नगर पुलिस अधीक्षक जो बड़ा शहर होता है वहाँ पर इन्हें तैनात किया जाता है और उस शहर के अंतर्गत जीतने थाने आते हैं वो थाने इनके अधीन ही होते है आप ये मान सकते है की इनके अंतर्गत लगभग तीन या चार थाने आते हैं यूं समझ सकते है की इनके अंतर्गत चार टीआइ होते हैं |
उत्तर प्रदेश में इन्हें सीओ यानी की सर्कल ऑफिसर के नाम से जाना जाता है दहेज संबंधी मामले में अगर दहेज हत्या का मामला बनता है तो ऐसे मामले में सीएसपी ही जांच करते हैं क्योंकि सीएसपी स्तर के अधिकारी के द्वारा ही जांच किए जाने का प्रावधान यह डीएसपी रैंक के अधिकारी होते हैं जो कि पब्लिक सर्विस कमिशन की परीक्षा पास करके आते है या फिर बतौर सब इंस्पेक्टर भर्ती होते हैं और प्रमोशन पाकर डीएसपी बनते हैं|
Rank structure of indian police services-एसडीओपी का मतलब सब डिविजनल ऑफिसर
एसडीओपी का मतलब सब डिविजनल ऑफिसर और पुलिस होता है यानी की अनुविभागीय पुलिस अधिकारी जिस प्रकार से एसडीएम प्रशासनिक व्यवस्था में होते हैं उसी प्रकार पुलिस व्यवस्था में एसडीओपी होते हैं इनके अंतर्गत कभी कभी सीएसपी भी आते हैं और एक अनुभाग में जीतने थाने होते हैं वह इनके अंतर्गत आते हैं मर्ग जांच को बंद करने गंभीर अपराधों में जांच करने किस थाने में कौनसा टीआई रहेगा इसका निर्णय करने का अधिकार भी इनको होता है हालांकि यह ट्रांसफर नहीं कर सकते हैं|
इनके पास किसी भी पुलिस अधिकारी या कर्मचारी को निलंबित करने का अधिकार भी नहीं होता है लेकिन इनके प्रस्ताव पर वरीष्ठ अधिकारी किसी भी पुलिस अधिकारी व कर्मचारी को निलंबित कर सकते हैं इनके पास प्रस्ताव भेजने का अधिकार सुरक्षित होता है या अभी पब्लिक सर्विस कमिशन की परीक्षा उत्तीर्ण कर के आते है कभी कभी प्रशिक्षुओं आइपीएस को भी इस पद पर तैनात किया जाता है|
Rank structure of indian police services-उप पुलिस अधीक्षक
उप पुलिस अधीक्षक जिन्हें की एडिशनल एसपी के नाम से भी जाना जाता है ये पब्लिक सर्विस कमिशन के द्वारा चयनित अधिकारी होते हैं और वरिष्ठता के क्रम में ऊपर पहुंचने के बाद एडिशनल एसपी के पद पर तैनात होते हैं कभी कभी जब बड़ा शहर होता है या आइपीएस अधिकारी ट्रेनिंग भी होते हैं तो उन्हें एडिशनल एसपी के पद पर तैनात कर दिया जाता है एसपी की अनुपस्थिति में ये जिले के एसपी होते हैं इनके पास किसी भी पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी को निलंबित करने का अधिकार नहीं होता है|
ये भी प्रस्ताव दे सकते हैं और इनके प्रस्ताव पर एसपी या वरीष्ठ अधिकारी उस व्यक्ति को निलंबित कर सकते हैं जिले में जितनी भी पुलिस होती है वह इनके कंट्रोल में होती है ये डायरेक्ट एसपी को रिपोर्ट करते हैं इनके पास भी किसी भी पुलिस अधिकारी को ट्रांसफर करने का अधिकार नहीं होता है लेकिन अगर किसी भी केस में किसी भी प्रकार की लापरवाही की जाती है तो ये उस पुलिस अधिकारी को निर्देश दे सकते हैं इनके पास पुलिस अधिकारियों को आदेश देने की पूरी शक्ति होती है जो कि जिले में पदस्थ हों|
Rank structure of indian police services-पुलिस अधीक्षक
पुलिस अधीक्षक जिसे के सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस के नाम से भी जाना जाता है ये जिले के सबसे पॉवरफुल अधिकारी होते हैं और जिले में जिसको जब चाहे तब बर्बाद कर सकते हैं यह किसी भी पुलिस अधिकारी को जब भी चाहे सस्पेंड कर सकते हैं और जिले के अंदर किसी भी असर के पुलिस अधिकारी का स् थानांतरण करने का अधिकार इनके पास होता है हालांकि ये एसडीओपी या डीएसपी का नहीं कर सकते वह राज्य स्तर से होता है लेकिन जिले के अंदर अगर इन्हें प्रशासनिक सुविधा की दृष्टि से किसी का स्थानांतरण करना हो तो ये कर सकते हैं|
Rank structure of indian police services-गोपनीय चरित्रावली लिखने की शक्ति
इनके पास किसी भी मुकदमे को रद्द करने के लिए और किसी भी व्यक्ति के ऊपर मुकदमा दर्ज करने का आदेश देने के लिए भी अधिकार होता है ये सभी पुलिस अधिकारियों का सीआर यानी की गोपनीय चरित्रावली भी लिखते हैं इनके अधीन ये जीतने पुलिस अधिकारी और कर्मचारी होते हैं उनके करिअर की दिशा और दशा यही तय करते हैं| किसी भी पुलिस अधिकारी को एसपी बनने के लिए सबसे पहले भारतीय पुलिस सेवा का सदस्य होना जरूरी है हर एक आईपीएस एसपी नहीं होता लेकिन हर एक एसपी आईपीएस जरूर होता है पब्लिक सर्विस कमिशन का व्यक्ति एसपी नहीं बन सकता अगर उसे एसपी बनना है तो आईपीएस में प्रोमोट होना पड़ेगा|
Rank structure of indian police services-वरीष्ठ पुलिस अधीक्षक
एसपी के ऊपर जो पुलिस अधिकारी होता है वह वरीष्ठ पुलिस अधीक्षक होता है वरीष्ठ पुलिस अधीक्षक भी आइपीएस होते हैं और बड़े जिलों में ये बतौर एसपी तैनात होते हैं हेड क्वार्टर में भी इन्हें एसएसपी के तौर पर तैनात किया जा सकता है और जब ये जिले में होते हैं तब इन्हें ऐसा एस पी के रूप में तैनात किया जाता है उत्तर प्रदेश के कई जिले जैसे मेरठ ,अलीगढ़ इस बात के प्रत्यक्ष उदाहरण हैं|
यहाँ पर जो एसपी होते हैं वह एसएसपी रैंक के अधिकारी होते हैं इनके कंधे पर एक डबल स्टार और एक अशोक स्तंभ और आईपीएस का बैच लगा हुआ होता है इनके पास भी वही अधिकार होते हैं जो एसपी के पास होते हैं अगर आप ये सोच रहे है की ऐसा ssp एसपी को सस्पेंड कर सकता है तो ऐसा नहीं यह सिर्फ फिल्मों में होता है जहाँ एसएसपी एसपी को सस्पेंड कर सकता है वास्तविकता कुछ अलग |
Rank structure of indian police services-उप पुलिस महानिरीक्षक
उप पुलिस महानिरीक्षक जिसे डीआईजी के नाम से भी जाना जाता है यह आईजी से नीचे का पद होता है और इनके पास एक ज़ोन में जीतने जिले हैं उन सभी जिलों के पर्यवेक्षण का अधिकार होता है यहाँ भी जीस पुलिस अधिकारी को चाहे निलंबित कर सकते हैं इनके पास पब्लिक सर्विस कमिशन से आए हुए अधिकारियों को भी निलंबित करने का अधिकार होता है|
आईजी की अनुपस्थिति में यह पूर्ण रूप से आईजी के कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं और इन्हें आईजी का प्रभार मिल जाता है अगर एक ज़ोन में चार जिले हैं तो चारों जिलों के एसपी डीआइजी के अधीन होते हैं वह डीआइजी को सैल्यूट करते हैं परेड की सलामी लेने का अधिकार भी डीआईजी को होता है इनके पास इतनी ज्यादा पावर होती है की ये जब भी चाहे जिसका चाहे बहुत कुछ बिगाड़ सकते हैं|
Rank structure of indian police services-पुलिस महानिरीक्षक
पुलिस महानिरीक्षक के पद पर पहुंचते-हुंचते अधिकांश पुलिस अधिकारी रिटायर हो जाते हैं पुलिस विभाग में ये काफी बड़ा पद होता है और जिस संभाग में पुलिस महानिरीक्षक की तैनाती होती है उस संभाग में आने वाले सभी जिलों के एसपी पुलिस के महानिरीक्षक के अधीन होते हैं आपको बताते चले की जो डीआइजी होते हैं वह डीआइजी भी पुलिस महानिरीक्षक के ही अधीन होते हैं|
ये अगर चाहे तो एसपी को भी निलंबित करने का प्रस्ताव हेडक्वार्टर में भेज सकते हैं इनके प्रस्ताव पर एसपी को भी निलंबित किया जा सकता है बाकी जीतने पुलिस अधिकारी संभाग में होते हैं उनका भी यह ट्रांसफर संभाग के अंतर्गत कहीं भी कर सकते हैं और उन्हें भी यह निलम्बित कर सकते हैं हैं चाहे वो किसी भी रैंक का क्यों ना हो परेड की सलामी लेने का भी इन्हें पूर्ण अधिकार होता है ये भी काफी ताकतवर पद होता है|
Rank structure of indian police services-अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जिन्हें एडिशनल डायरेक्टर जनरल के नाम से भी जाना जाता है ये डीजीपी रैंक के अधिकारी होते हैं एडीजी रैंक का अधिकारी भी कहा जाता है इनकी शक्ति डीजीपी के बराबर ही होती है लेकिन हर एक एडीजी डीजीपी नहीं होता है आपको बताते चलें कि एडीजी विभिन्न विभागों में तैनात होते है जैसे एडीजी लॉ एंड ऑर्डर एडीजी महिला सुरक्षा एडीजी पूरे राज्य में काम करते हैं जैसे प्रशासनिक व्यवस्था में एसीएस होते हैं|
यानी की एडिशनल चीफ सेक्रेटरी उसी प्रकार पुलिस व्यवस्था में एडीजी होते हैं ये किसी एक डिपार्टमेन्ट की प्रमुख होते है जैसे एडीजी होम जिन्हें डीजी होम के भी नाम से जाना जाता है ओर डीजी जेल ये भी एडीजी स्तर के अधिकारी होते हैं ये अपने विभाग के चीफ होते है उस विभाग में ये जीस भी अधिकारी को चाहे उस अधिकारी को निलंबित कर सकते हैं इसके अतिरिक्त इनके अधीन कई सारे आइपीएस अधिकारी होते हैं जिनकी गोपनीय चरित्रावली भी ये लिखते हैं|
Rank structure of indian police services-पुलिस महानिदेशक
पुलिस महानिदेशक राज्य का सबसे बड़ा पुलिस अधिकारी होता है ये वे आइपीएस अधिकारी होते हैं जिनका करियर बेदाग होता है और बहुत ही बहादुरी से काम करते इनके पास राज्य के समस्त पुलिस अधिकारियों के ऊपर किसी भी प्रकार की कार्यवाही चाहे वो निलंबन की कार्यवाही हो या बर्खास्तगी की कार्रवाई हो करने का अधिकार होता है बर्खास्त करने के लिए ये किसी भी पुलिस अधिकारी के ऊपर डिपार्टमेंटल इनक्वायरी का आदेश दे सकते हैं और उसे बर्खास्त कर सकते हैं जब चाहें किसी को भी घायल कर सकते हैं बताते चलें कि राज्य का जो सर्वोच्च ताकतवर पद होता है पुलिस विभाग में वो डीजीपी का ही होता है|