सिंगरौली -मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव(Madhya Pradesh Chief Minister Dr Mohan Yadav) के द्वारा सिंगरौली जिले के दो वरीष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है जिसमें से एक महाभ्रष्ट जनपद सीईओ हरीश चंद्र त्रिवेदी हैं जिन्होंने जनपद पंचायत सिरमौर जिला पंचायत रहते हुए तमाम भ्रष्टाचार के कार्य किए थे इनके ऊपर लोकायुक्त ने भी प्रकरण पंजीबद्ध है दूसरे लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन यंत्री हैं बताते चलें है की कुछ ऐसी घटना हुई जिसने की मध्यप्रदेश में भी हलचल पैदा करती है जिसके कारण इन्होंने निलंबित कर दिया गया|
क्यों किया गया निलंबित?
दरअसल सिंगरौली जिले के जनपद पंचायत चितरंगी के एक गांव में तीन वर्षीय बालिका से खुले बोरवेल में गिरने के कारण उनकी दर्दनाक मृत्यु हो गई थी जिसके कारण जिला प्रशासन की जमकर किरकिरी हुई थी क्योंकि मध्यप्रदेश सरकार ने काफी समय पहले ही खुले बोरवेल को ढकने के आदेश दिए थे और न ढकने वालों पर एफआईआर दर्ज करने के भी आदेश दिए गए थेऔर इसी के सत्यापन प्रमाणपत्र में लापरवाही बरतने के कारण सिंगरौली जिले में पदस्थ सहायक यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग उपखंड देवसर और तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत चितरंगी तत्कालीन जनपदमुख्य कार्यपालन अधिकारी सिरमौर हरीश चंद्र द्विवेदी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है|
लंबे समय से उठ रही थी निलंबन की मांग
हालांकि जनपद पंचायत सीईओ हरीश चंद्र द्विवेदी के निलंबन की मांग लंबे समय से उठ रही थी जब ये सिरमौर में पदस्थ थे तब भी उन्होंने जमकर भ्रष्टाचार किया और चितरंगी में भी इन्होंने जमकर काले कारनामे किये थे जिनके ऊपर लोकायुक्त प्रकरण पंजीबद्ध हैं जिसमे की सवाल ये उठता है कि जिसके ऊपर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं इसके बावजूद भी उन्हें जनपद सीईओ के जिम्मेदार पद पर क्यों पदस्थ किया गया था हालांकि कलेक्टर सिंगरौली के द्वारा यह प्रतिवेदन दिया गया था जिसके आधार पर कमिश्नर के द्वारा यह आदेश जारी किया गया है जिसमें कि मुख्यमंत्री के निर्देश शामिल हैं|