Latest breaking news in india-भारत की राजनीति में उस वक्त हलचल मच गई जब पूर्व प्रधानमंत्री के पोते और कद्दावर नेता प्रजवल रेवन्ना के खिलाफ़ बलात्कार के तमाम मामले ना सिर्फ सामने आए थे बल्कि उनके बलात्कार के वीडियो से भरे पेन ड्राइव का जखीरा भी सामने आया था बताते चलें कि रेवन्ना पर यौन उत्पीड़न का मुकदमा भी दर्ज किया गया था और उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी परन्तु अब इस मामले में रेवन्ना के वकील ने कहा है कि इसमें बलात्कार जैसी कोई बात ही नहीं है सब कुछ सहमति से हुआ है उन्होंने अभियोक्ता के द्वारा पुलिस और मजिस्ट्रेट को दिए गए बयानों के विरोधाभास का भी आरोप लगाया और वीडियो की प्रमाणिकता पर भी सवाल उठाया उन्होंने फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की रिपोर्ट का भी हवाला देते हुए यह कहा कि वीडियो को वास्तविक नहीं माना जा सकता|
आरोप लगाने में हुई देरी
प्रज्ज्वल रेवन्ना के वकील ने यह तर्क दिया है कि धारा 376 के कोई अपराध नहीं बनता है और बलात्कार के आरोप पूरी तरह से झूठे हैं क्योंकि रेवन्ना ने जो कुछ भी किया था वह महिलाओं की सहमति से किया था प्रज्वल के वकील ने यह भी कहा कि अभियोक्ताओं के द्वारा आरोपों के साथ आने में 4 साल की देरी की गई और यह भी कहा कि इस देरी के लिए कोई संतोषजनक स्पष्टीकरण अब तक नहीं दिया गया|
जांच में सहयोग से किया था इनकार
बताते चलें कि एसआइटी का प्रतिनिधित्व करते हुए न्यायालय ने मामले की जिरह कर रहे वरीष्ठ अधिवक्ता रवि वर्मा कुमार के द्वारा जमानत देने का विरोध किया गया उन्होंनेअपना फोन रोक कर जांच में सहयोग करने से इनकार कर दिया था उन्होंने फोरेंसिक रिपोर्ट का भी हवाला दिया जिसमें कथित तौर पर यह संकेत दिया गया था कि वीडियो में दिख रहा बैकग्राउंड अपराध स्थल से मेल खाता है रवि वर्मा ने यह भी कहा कि अभियोक्ता ने शर्म के कारण अपना चेहरा ढक लिया था और शर्म तथा लोक लाज के डर के कारण ही 4 साल तक वह चुप रही|