नई दिल्ली–भारत में जब भी सर्वश्रेष्ठ और टॉप क्लास के इंजीनियरिंग कॉलेजों की बात होती है तब भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान(Indian Institute of Technology) यानी की iit का नाम सबसे पहले आता है यहाँ पर छात्रों का ऐसा माना जाता है यहाँ पढ़ाई करने के बाद मैं नौकरी पक्की हो जाती है अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो आपकी यह गलत फहमी जल्द ही दूर हो जाएगी|
RTI के जवाब में मिली जानकारी
2024 में आईआईटी से पासआउट होने वाले कितने छात्रों को नौकरी मिली है इस संबंध में लगाई गई आरटीआई के जवाब मिल में यह खुलासा हुआ है आईआईटी से पढ़ाई करने के बाद भी इस वर्ष 38 % छात्र बेरोजगार हैं उन्हें कोई नौकरी नहीं मिली है IIT कॉलेज में एडमिशन प्राप्त करना ही एक कठिन प्रक्रिया होती है इसके बाद वहाँ पर चार वर्ष जो पढ़ाई होती है वह भी काफी कठिन होती है इस प्रक्रिया से गुज़रने के बाद भी छात्र बेरोजगार हैं|
भारत में 23 कैंपस से 38%छात्र बेरोजगार
भारत में आईआईटी के 23 कैंपस हैं और 2024 में 38% छात्रों को यहाँ पर कोई नौकरी नहीं मिली है वह बेरोजगार हैं आइआइटी दिल्ली ने अपने पूर्व छात्रों को मेल करके वर्तमान बैच में पास सोने वाले छात्रों को नौकरी दिलाने और छात्रों की सिफारिश करने के लिए मदद मांगी है आईआईटी बॉम्बे और बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस ने भी अपने पूर्व छात्रों से मदद करने के लिए अपील की है उनसे यह कहा गया कि आप किसी भी कंपनी में बड़े पोस्ट पर हैं तो जो हमारे कॉलेज से नए बच्चे निकल रहे हैं उनकी नौकरी लगवाने में मदद करें|
आईआईटी दिल्ली में समाप्त होने वाला है प्लेसमेंट सत्र
आईआईटी दिल्ली में 2023-24 का प्लेसमेंट सत्र अब समाप्त होने वाला है परंतु यहाँ के छात्रों को नौकरी के नाम पर निराशा ही मिली हैं जिनको मिल भी रही हैं तो उन्हें बेहद कठिन चुनौती का सामना करना पड़ रहा है और पैकेज भी कुछ खास नहीं है आरटीआई के जवाब में दिए गए जानकारी के मुताबिक आईआईटी के लगभग 400 छात्रों को अभी तक नौकरी नहीं मिल पाई है बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस ने पहली बार दो महीने पहले अपने पूर्व छात्रों से मदद मांगी थी आईआईटी बॉम्बे(IIT Bombay)ने भी पूर्व छात्रों से संपर्क करने का प्रयास किया है इन कॉलेजों में अभी प्लेसमेन्ट जारी है जून के अंत तक यह प्लेसमेंट चलेगा प्लेसमेंट में भाग लेने वाले बैच के लगभग छात्रों को अभी तक नौकरी नहीं मिल पाई है पार्टी के द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले साल 30 छात्रों को नौकरी नहीं मिल पाई है|
जिनको नौकरी मिली उसकी गुणवत्ता सही नहीं
बिट्स पिलानी इन्स्टिट्यूट के कुलपति वी रामगोपाल राव के द्वारा बताया गया कि “हर जगह प्लेसमेंट 20-30 प्रतिशत कम है हर संस्थान यह दावा कर रहा है कि सभी छात्रों को नौकरी मिल गयी है लेकिन यह दावा सही नहीं जिन छात्रों को नौकरी मिली भी हैं उनकी गुणवत्ता सही नहीं है यह पहला वर्ष है जब चार जेपीटी और बड़े लैंग्वेज मॉडल ने अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया है इस साल सभी 23 IIT में 7000 से अधिक आइआइटी छात्रों को कैंपस प्लेसमेंट के माध्यम से नियुक्त किया जाना अभी बाकी है 2 साल पहले यह अनप्लेस्ड संख्या आदि यानी 300 थी प्लेसमेंट में बैठने वाले छात्रों की संख्या 1.2 गुना बढ़ गई है|
आखिर क्यों नहीं मिल पा रही है नौकरी?
आईआईटी से पासआउट होने वाले छात्रों को नौकरी नहीं मिल पाने का मुख्य वजह चैट जेपीटी या फिर ए आई मॉडल नहीं बल्कि उनकी योग्यता है यह कोई पहला मामला नहीं है जब आईआईटी के छात्रों को नौकरी नहीं मिल पा रही है हर साल ऐसी स्थिति देखने को मिलती है की कुछ प्रतिशत छात्र बेरोजगार ही रह जाते हैं इसका कारण यह है कि जब वह आईआईटी में ऐडमिशन लेते हैं तो वह अपने दिमाग में यह बात बैठा लेते हैं की आईआईटी में ऐडमिशन लेना ही उन्हें अच्छी नौकरी दिलाने का मार्ग प्रशस्त कर देगा लेकिन ऐसा नहीं है और ये सोचकर वो 4 काम मेहनत करते हैं|
कंपनियों को नहीं मिल पाता संतोषजनक जवाब
फिर जब कंपनियां प्लेसमेंट के लिए कैंपस में जाती है और उनसे सवाल जवाब करती है तो कंपनियों को जिस तरह का जवाब चाहिए होता है उस तरह का जवाब नहीं दे पाते थे और जब जवाब नहीं दे पाते हैं तो जाहीर सी बात है कि कंपनी उन्हें अपने कैंपस में नौकरी भी नहीं देती यही मुख्य कारण है तो अगर आप भी आईआईटी में पढ़ाई करना चाहते हैं तो ये ध्यान रखिये आइआइटी का टैग लगाने से कोई आपको नौकरी नहीं देगा आपको आईआईटी से पढ़ाई करने के बाद भी यह साबित करना पड़ेगा कि आप उस नौकरी के योग्य हैं|