How many types crime in india-मनुष्य एक सामाजिक प्राणी हैं और समाज में अपराध होते ही रहते है अपराधों को कभी भी खत्म नहीं किया जा सकता हाँ इतना जरूर है कि उन्हें नियंत्रित किया जा सकता है तो क्या आप जानते हैं कि अपराध कितने प्रकार के होते हैं और कब पुलिस किसी व्यक्ति को बिना वारंट और बिना कोर्ट की अनुमति गिरफ्तार करती है|
और कब पुलिस किसी आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए कोर्ट के वारंट का इंतजार करती है यह जरूरी नहीं है कि आप अगर कानून के विद्यार्थी हैं तभी आपको कानून की जानकारी होनी चाहिए अगर आप एक जिम्मेदार नागरिक हैं तो भी आपको कानून की जानकारी होनी चाहिए जिससे की कल आपको कोई जरूरत पड़े तो आप इसका उपयोग कर सकें और जागरूक रहें एवं दूसरों को भी मदद कर सके|
How many types crime in india-ज़मानती या असंज्ञेय अपराध
जमानती अपराध या असंज्ञेय अपराध ऐसे अपराध होते हैं जिसमें पुलिस किसी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकती है और जिन मुकदमे में सजा 7 साल से कम होती है उसमें पुलिस को किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने का अधिकार नहीं है और अगर गिरफ्तार कर भी लिया जाता है तो उसे थाने से पुलिस जमानत दे सकती है या उस व्यक्ति का अधिकार है सामान्य मारपीट के मामले छोटी मोटी चोरियां ये सब जमानती अपराध के अंतर्गत में आती है छोटी-मोटी ठगी या सरकारी अधिकारी के द्वारा लिया जाने वाला रिश्वत ये अपराध भी जमानती है|
How many types crime in india-गैर जमानतीय या असंज्ञेय अपराध
यह ऐसे अपराध होते हैं जिसमें पुलिस किसी भी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है जैसे कि बलात्कार, हत्या राष्ट्र के विरुद्ध अपराध किसी का अंग-भंग कर देना स्पैसे आरोपी को पुलिस बिना किसी वारंट या बिना कोर्ट के अनुमति के गिरफ्तार कर सकती है और ऐसे मामलों में जल्द ही किसी व्यक्ति या आरोपी को कोर्ट से जमानत भी नहीं मिलती है|
इनमें कुछ मामले ऐसे भी जिसमें आरोपी को जमानत लेने में नानी याद आ जाती है जैसे कि देशद्रोह आतंकवाद हत्या और बलात्कार के मामले इन मामलों में पुलिस को जमानत देने का अधिकार नहीं है पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करने के उपरांत उसे नजदीकी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करती है या मजिस्ट्रेट के विवेक के ऊपर होता है कि आरोपी को जमानत देना है अथवा नहीं|
How many types crime in india-समझौता योग्य अपराध
समझौता योग्य अपराध ऐसे अपराध होते हैं जिनमें समझौता किया जा सकता है जैसे सामान्य मारपीट के मामले जमीनी विवाद ये ऐसे मामले होते हैं जिनमें दोनों पक्ष आपस में समझौता कर सकते हैं समझौता करने के लिए लोक अदालत के माध्यम से एक अर्जी देनी होती है|
जहाँ पर न्यायालय की प्रक्रिया के दौरान ही दोनों व्यक्तियों का समझौता हो जाता है और मामला खत्म हो जाता है इसे सुलहनामा भी कहते हैं इसमें कुछ निश्चित राशि भी जमा करनी होती है और यह शपथ पत्र देना होता है कि भविष्य में हम किसी भी प्रकार का विवाद नहीं करेंगे और करते हैं तो हमें इतनी राशि का जुर्माना देना पड़ेगा|
How many types crime in india-गैर समझौता योग्य अपराध
हत्या का प्रयास ,बलात्कार, हत्या पॉक्सो एक्ट एवं अंग भंग कर देने वाले अपराध गैर समझौता योग्य अपराध हैं इन मामलों में दोनों पक्षों के बीच में समझौता नहीं किया जा सकता अगर किसी भी प्रकार से दोनों पक्ष ये समझ कर आपस में समझौता कर लेते हैं की कोर्ट में ये मामला रफा-दफा हो जाएगा पर उस समझौते का पत्र लेकर वो न्यायालय में जाते है तो वह समझौता पत्र मान्य नहीं होता है और केस उसी प्रकार से चलता रहता है|
कई ऐसे मामले हैं जिसमें कि बलात्कार पीड़िता और आरोपी के द्वारा समझौता कर लिया गया है दोनों ने शादी भी कर ली है लेकिन उसके बावजूद भी न्यायालय में मुकदमा चल रहा है और जो पति है अपने ही पत्नी के बलात्कार के मामले में पेशी पर पेश हो रहा है क्योंकि ऐसे मामले समाज एवं राज्य के खिलाफ़ होते है किसी व्यक्ति के खिलाफ़ नहीं इसलिए किसी एक व्यक्ति को समाज का प्रतिनिधित्व करके समझौता करने का अधिकार नहीं है|
How many types crime in india-आर्थिक अपराध
आर्थिक अपराध ऐसे अपराध होते हैं जिसमें आरोपी के द्वारा किसी व्यक्ति राज्य या किसी संगठन का आर्थिक नुकसान किया जाता है इससे आर्थिक अपराध के रूप में जाना जाता है जैसे की चेक बाउंस या फिर किसी भी संपत्ति का तोड़फोड़ ये आर्थिक अपराध ज्यादातर जमानती होते हैं लेकिन अगर सार्वजनिक संपत्ति का भारी मात्रा में नुकसान कर दिया गया तो यही अपराध गैरजमानती बन जाता है इसमें पुलीस किसी को भी गिरफ्तार कर सकती है और जमानत भी बड़ी मुश्किल से मिलती है|
How many types crime in india-राज्य के विरुद्ध अपराध
कोई आरोपी जब कोई आपराधिक कृत्य कारित करता है तो वह अपराध किसी व्यक्ति के विरुद्ध न होकर राज्य के विरुद्ध होता है जैसे एक के द्वारा को जान से मार दिया गया तो एन एक और के विरुद्ध अपराध नहीं किया बल्कि उसने राज्य व समाज के विरुद्ध अपराध किया क्योंकि एक आपराधीक कार्य पूरे समाज की कानून व्यवस्था को डमा-डोल कर देता है और इसका खामियाजा पूरे समाज एवं राज्य को भुगतना पड़ता है इसलिए कोई भी अपराध राज्य के विरुद्ध अपराध माना जाता है जिसके कारण ही आरोपी वर्सिस स्टेट करके केस टाइटल दिया जाता है ना कि उसमें पीड़ित का नाम लिखा जाता है|
How many types crime in india-राष्ट्र के विरुद्ध अपराध
राष्ट्र के विरुद्ध अपराध या राज्य के विरुद्ध अपराध दोनों एक ही होते हैं लेकिन इसमें अंतर यह होता है कि व्यक्ति खुले तौर पर राष्ट्र का विरोध करता है राज्य का विरोध करता है या अपने देश का विरोध करता है इन्हें देशद्रोह जैसे अपराध के नाम से जाना जाता है देशद्रोह ऐसा अपराध है जिसमें कि अगर एक बार व्यक्ति गिरफ्तार हो जाता है तो हो सकता है कि उसे कई साल जमानत न मिले और से अगर सजा हो जाती है तो उस व्यक्ति का जेल से बाहर आना लगभग नामुमकिन हो जाता है|
How many types crime in india-डिजिटल माध्यम से किया गया अपराध
वर्तमान समय में इंटरनेट का जाल पूरी तरह से फैला हुआ है लोग सोशल मीडिया का भरपूर उपयोग कर रहे हैं और इसी सोशल मीडिया या डिजिटल माध्यम के द्वारा अगर कोई अपराध कारित कर दिया जाता है तो वह अपराध साइबर क्राइम के नाम से जाना जाता है मतलब ये हुआ कि अगर साइबर के माध्यम से कोई अपराध किया जाता है या नेटवर्क या फ़ोन टेलीफोनिक माध्यम से कोई अपराध किया जाता है तो इसे साइबर क्राइम के नाम से जाना जाता है इससे इन्वेस्टिगेशन की प्रक्रिया पूरी तरीके से अलग होती है|