Ground to quashing 498 FIR- दहेज एक के इतने फर्जी मामले सामने आ रहे हैं कि एक बार तो माननीय कलकत्ता हाई कोर्ट को यह भी कहना पड़ गया कि यह एक कानूनी आतंकवाद है क्योंकि दहेज ऐक्ट में फर्जी मामलों की बढ़ती हुई संख्या के कारण पुरुषों और ससुराल पक्ष के निर्दोष लोगों को काफी परेशान ही नहीं बल्कि प्रताड़ित होना पड़ रहा है लेकिन यहाँ पर आपके लिए राहत की सबसे बड़ी बात ये है कि बॉम्बे हाइकोर्ट के द्वारा 2024 में एक ऐसा जजमेंट दिया गया जिसके आधार पर पुरुषों और ससुराल पक्ष के लोगों को बड़ी राहत मिलती है|
Ground to quashing 498 FIR-सात ममलों में नाही लगेगा दहेज ऐक्ट
इस जजमेंट को 10 दिसंबर 2024 को बॉम्बे हाई कोर्ट के द्वारा दिया गया जिसमें यह बताया गया कि अगर ये सात तरीके की घटनाएं होती हैं वह दहेज ऐक्ट के कानून के तहत नहीं आएगा महिलाएं इन सात तरीके की घटनाओं का आधार बनाकर भी अपने पति तथा ससुरालवालों पर दहेज एक्ट का केस थोप देती थी लेकिन अब पुरुषों तथा ससुराल पक्ष के लोगों को इन मामलों में राहत मिलेगी|
Ground to quashing 498 FIR-घर के अंदर अपमानजनक कार्यकारी करने की स्थिति में
अधिकांश महिलाओं के द्वारा यह कहकर दहेज एक्ट अपने ससुराल वालों और पति के ऊपर लगा दिया जाता है कि घर के अंदर उनके साथ अपमानजनक व्यवहार किया जा रहा है तो बॉम्बे हाइकोर्ट ने अपने निर्णय में यह स्पष्ट किया है कि इस तरह के स्पेशल मामले में दहेज एक्ट नहीं लगेगा हाँ अगर शारीरिक रूप से किसी महिला को प्रताड़ित किया जाता है तो जरूर लगेगा लेकिन अपमानजनक कार्य करने की स्थिति में दहेज एक्ट से सुरक्षा प्राप्त होगी|
Ground to quashing 498 FIR-घर के कामकाज के लिए किसी भी प्रकार की टीका टिप्पणी करने पर
अगर कोई महिला अपने ससुराल में है और उन्होंने भोजन बनाया भोजन में किसी भी प्रकार की खामी निकलती है तो अगर पति तथा उनके ससुराल पक्ष के लोग यह कहते हैं कि आज भोजन ठीक नहीं बनाया नमक ज्यादा है या मिर्च ज्यादा है तो यहाँ दहेज एक्ट का आधार नहीं होगा इस बात के आधार पर वह महिला अपने पति तथा ससुराल पक्ष के लोगों पर इस आशय की शिकायत नहीं कर सकती की उसका ससुराल में प्रताड़ना किया जा रहा है घर के किसी भी काम को लेकर चाहे वह साफ-सफाई हो चाहे घर के किसी भी जिम्मेदारी का निर्वहन करना हो इस संबंध में अगर कोई टीका टिप्पणी की जाती है तो वह दहेज एक्ट के दायरे में नहीं आएगी|
Ground to quashing 498 FIR-टेलीविजन देखने से रोकना
बॉम्बे हाइकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है की अगर ससुराल पक्ष के लोग या महिला का पति उसे टीवी देखने के लिए या मोबाइल चलाने से रोकता है तो या दहेज एक्ट में प्रताड़ना के तहत या क्रूरता के तहत नहीं आएगा क्योंकि टीवी ना देखने से किसी भी प्रकार का कोई नुकसान महिला को नहीं हो रहा है|
Ground to quashing 498 FIR-रिश्ते के लिए हानिकारक
और मोबाइल ना चलाने से भी किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं हो रहा है उदाहरण के लिए ये समझ लीजिए कि अगर घंटों महिला अपने फ़ोन से किसी ऐसी सहेली या किसी मित्र से बात करती है जो कि उसके रिश्ते के लिए हानिकारक है तो उसका पति अगर उसे मना करता है की वो उनसे बात ना करे तो ये दहेज ऐक्ट के दायरे में नहीं आएगा|
Ground to quashing 498 FIR-पत्नी को नीचे सुलाए जाने की स्थिति में
बॉम्बे हाई कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर बेडरूम में पत्नी को नीचे सुलाया जाता है यानी की जमीन पर सुलाया जाता है और पति बेड पर सोता है तो ऐसी स्थिति में पत्नी के साथ पति के द्वारा क्रूरता नहीं की जा रही है हाँ अगर पत्नी को बेडरूम में घुसने के लिए मना किया जाता है तो यह क्रूरता है लेकिन अगर बेडरूम में घुसने के बाद पत्नी को जमीन पर सुलाया जाता है तो यह क्रूरता नहीं है ऐसी स्थिति में भी महिला अपने पति तथा ससुराल पक्ष के ऊपर दहेज एक्ट नहीं लगा सकती है और इस आधार पर जीतने मामले दहेज एक्ट के रजिस्टर्ड हुए हैं उन्हें खारिज कर दिया जाएगा|
Ground to quashing 498 FIR-भोजन में कमी निकालना और ताने मारना
पत्नी अगर भोजन बनाती है और उसमें कमियाँ निकाली जाटी है और उसके आधार पर पत्नी को ताने मारे जाते हैं तो यह दहेज एक्ट के तहत अपराध के दायरे में नहीं आता यह कहना है हाई कोर्ट का तो अगर इसके आधार पर कोई भी महिला पुलिस में केस रजिस्टर्ड करवाती है तो वह केस फर्जी माना जाएगा और कोर्ट में जाकर खारिज हो जाएगा|
Ground to quashing 498 FIR-परिवार के किसी सदस्य के द्वारा किसी अन्य सदस्य मिलने जुलने से रोकना
महिला की पति सास व ससुर के द्वारा अगर महिला को किसी विशेष व्यक्ति से मिलने जुलने से रोका जाता है तो यह भी दहेज एक्ट के तहत क्रूरता या अपराध की श्रेणी में नहीं आएगा उदाहरण के लिए पड़ोस की कोई महिला है जो कि संबंधित महिला के साथ में रहकर उसे भड़काती है गलत शिक्षा देती है या महिला का कोई पुरुष मित्र हैं जो कि उसे उसके घर को तोड़ने की शिक्षा देता है और ऐसे लोगों से महिला का पति और ससुराल पक्ष के लोग मिलने जुलने से रोकते हैं तो यहाँ दहेज एक्ट के तहत अपराध नहीं होगा हाँ अगर महिला को कैद करके टॉर्चर किया जाता है और ऐसी स्थिति में महिला को किसी से रोकने से मना किया जाता है तब दहेज एक्ट का अपराध लग सकता है|
अकेले काम करने के लिए कहना कूदता नहीं
अगर पति या ससुराल पक्ष के लोग संबंधित महिला को अकेले काम करने के लिए कहते हैं तो यह क्रूरता नहीं है और न ही दहेज एक्ट के तहत किसी भी प्रकार का अपराध है जैसे अगर महिला मंदिर जा रही है या फिर सब्जी लेने जा रही है और वह एक ऐसे महिला के संग में जाती है जो कि उसे गलत शिक्षा देकर भड़काती है तो उसके साथ ना जाकर अगर महिला को अकेले बाजार या दूसरे काम के लिए भेजा जा रहा है तो यह भी किसी भी तरीके से अपराध नहीं होगा|