fake dowry case landmark judgements-दहेज एक्ट का दुरुपयोग वर्तमान समय में काफी ज्यादा बढ़ गया है इसमें जो सबसे ज्यादा प्रताड़ित होता है वह पुरुष के परिवार वाले होते है सुप्रीम कोर्ट ने इन दिनों एक मुकदमे की सुनवाई के दौरान इस विषय पर चिंता व्यक्त की है बताते चले कि उन्होंने यह कहा है कि इस कानून के दुरुपयोग को रोकने हेतु दहेज उत्पीड़न के मामलों पर बेहद सतर्कता बरतने की आवश्यकता है|
fake dowry case landmark judgements-दुरुपयोग पर दी कड़ी चेतावनी
माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा दहेज कानूनों के दुरुपयोग पर कड़ी चेतावनी दी गई है बल्कि इस मामले की सुनवाई करते हुए एक व्यक्ति के ऊपर पति द्वारा दायर किए गए आरोपों को रद्द करने का भी आदेश दिया गया है ये सब से बड़ी राहत है बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ ने शख्स के खिलाफ़ लगे आरोपों को रद्द कर दिया|
fake dowry case landmark judgements-इन मामलों के तहत दर्ज किया गया था मुकदमा
गौरतलब है कि शख्स की पत्नी ने उसके और उसके माता पिता के विरुद्ध आईपीसी की धारा 498 ए ,504 ,506 और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 और दहेज निषेध अधिनियम के तहत आपराधिक मामले दर्ज करवाए थे इससे पहले हाईकोर्ट ने शक के खिलाफ़ कार्रवाई को रद्द करने से इनकार किया था जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था|
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fake dowry case landmark judgements-सुप्रीम कोर्ट ने माना कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग
पूरे मामले की जांच करने के उपरांत सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे मामलों को कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग माना है बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ़ अपील की जांच करते हुए यह कहा कि ऐसी परिस्थितियों में आपराधिक कार्रवाई जरूरी रखना कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा आपराधिक कानून का इस्तेमाल किसी को परेशान करने या बदला लेने के लिए नहीं किया जाना चाहिए|

fake dowry case landmark judgements-क्या थी महिला की दलील
गौरतलब है कि महिला के द्वारा अपने पति तथा उसके परिवार वालों के ऊपर यह आरोप लगाया गया था की उनके पति उनके साथ क्रूरता करते हैं उन्होंने 10 फरवरी 2019 को अपनी शिकायत की थी जिसमें उन्होंने यह दावा किया था कि शादी के समय उसके परिवार ने शख्स को एक स्विफ्ट कार 80 ग्राम सोने की चेन एक अंगूठी और 50 ग्राम का कंगन सहित कई चीजें दी थी शादी में ₹45,00,000 का खर्चा भी हुआ था उन्होंने यह भी कहा की महिला अनुसूचित जाति से हैं और उसका पति ब्राह्मण था दोनों का प्रेम विवाह हुआ|

fake dowry case landmark judgements-पति के वकील ने दिया यह तर्क
पति की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश वकील के द्वारा यह तर्क दिया गया कि यह एक प्रेम विवाह था और पहले दो सालों तक दंपति के बीच बेहद सौहार्दपूर्ण संबंध बने रहे ऐसे में उत्पीड़न के दामों पर अत्यंत संदेह पैदा होता है कोर्ट में पति के द्वारा यह भी तर्क दिया गया की यह शिकायत शादी टूटने के बाद सिर्फ बदला लेने के उद्देश्य से की गई है सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह भी माना कि महिला द्वारा पेश किए गए सबूत पर्याप्त नहीं है जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दहेज एक्ट और एससी एसटी ऐक्ट के अंतर्गत दर्ज मामलों को खारिज कर दिया|
fake dowry case landmark judgements-पूरे देश में मिलेगा लाभ
सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट लैंडमार्क जजमेंट बन गया है जिसका ऐसे सभी लोगों को होगा जिनके ऊपर दहेज व एससी एसटी एक्ट के तहत मामले दर्ज हैं इसके साथ ही इसका प्रभाव सम्पूर्ण भारत पर होगा अगर आपके विरुद्ध भी एससी एसटी एक्ट दहेज एक्ट के तहत ऐसे मामले दर्ज किए गए हैं जिनमें साक्षी कमजोर है तो आप भी अपने वकील से संपर्क करके मामले को खारिज करने का आवेदन माननीय न्यायालय में लगा सकते हैं ध्यान रहे कि आप इस निर्णय का भी रेफरेन्स जरूर दें|