Basant panchmi 2025 shubh muhurt-प्रत्येक वर्ष माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन बसंत पंचमी का पावन पर्व मनाया जाता है इस दिन माता सरस्वती जो कि विद्या की देवी हैं उनकी पूजा की जाती है बताते चलें कि सरस्वती पूजा अत्यंत पवित्र त्यौहार होता है विद्या की देवी माता सरस्वती इस दिन सब को विशेष रूप से आशीर्वाद प्रदान करती है पंचांग के अनुसार हर साल यह तिथि 2 फरवरी के दिन है लेकिन मुहूर्त के अनुसार वास्तविक तिथि क्या है आइए आपको बताते हैं|
Basant panchmi 2025 shubh muhurt-सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त कब है?
सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त द्रक पंचांग के अनुसार तय किया जाता है बताते चलें कि इस पंचांग के मुताबिक बसंत पंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त 2 फरवरी को सुबह 7:09 से शुरू होकर दोपहर 12:35 तक है जिसकी अवधि महज 5:26 तक रहेंगी शुभ योग में यात्रा गृह प्रवेश नवीन कार्य प्रारंभ करना विद्या अर्जन के लिए शुभारंभ करना अत्यंत शुभ होगा अगर आप शिक्षा से संबंधित कोई कार्य करना चाहते हैं तो यह समय आपके लिए अत्यंत शुभ होगा|
Basant panchmi 2025 shubh muhurt-माता सरस्वती की कैसे हुई थी उत्पत्ति
सनातन धर्म के वेद एवं शास्त्रों के मुताबिक ब्रह्मा ने ब्रह्मांड की रचना की लेकिन वह इस बात को लेकर काफी चिंतित थे कि उनकी रचना शांत और मृत शरीर के समान थी क्योंकि ब्रह्मांड में ना तो कोई ध्वनि थी और ना ही किसी भी प्रकार का संगीत था तब इस समस्या के समाधान हेतु ब्रह्मा विष्णु के पास पहुंचे और उन्हें अपनी परेशानी बताई तब जगत के पालनहार भगवान विष्णु ने उन्हें सुझाव दिया कि देवी सरस्वती आपकी मदद करेंगी और इस समस्या का समाधान देंगी|
Basant panchmi 2025 shubh muhurt-बसंत पंचमी के दिन हुआ प्राकट्य
माता सरस्वती की उत्पत्ति बसंत पंचमी के दिन हुई ब्रह्मा के अनुरोध करने पर उन्होंने वीणा के द्वारा ब्रह्मा की रचना को जीवन प्रदान किया जब उन्होंने विड़ा बजाना शुरू किया तो पहला अक्षर “सा” निकला जो संगीत के सात सुरों का पहला स्वर है इस प्रकार ध्वनि रहित ब्रह्मांड को एक ध्वनि प्राप्त हुई इससे ब्रह्मा प्रसन्न हुए और उन्होंने सरस्वती का नाम वागेश्वरी भी रखा उनके हाथ में विड़ा होने से विड़ावादिनी भी कहा जाता है विद्या अर्जन करने वाले छात्र तथा पढ़ाई-लिखाई से संबंधित रखने वाला कोई भी व्यक्ति चाहे वह किसी भी उम्र का हो माता सरस्वती को अपनी आराध्य देवी मानता है|
Basant panchmi 2025 shubh muhurt-बसंत पंचमी के दिन होती थी शिक्षा की शुरुआत
प्राचीन समय में जब गुरुकुल परंपरा के द्वारा शिक्षा प्रदान की जाती किताब बसंत पंचमी के दिन ही आचार्य एवं महर्षियों के द्वारा अपने शिष्यों को शिक्षा देने की शुरुआत की जाती थी इसी दिन उनकी दीक्षा होती थी और उन्हें गुरु मंत्र देकर शिक्षा के लिए गुरुकुल भेज दिया जाता था जहाँ वह कठोर व्रत एवं नियम का पालन कर वेद,वेदांग ,शस्त्र ,शास्त्र ,गणित ,ज्योतिष एवं विभिन्न प्रकार की शिक्षा प्राप्त करते थे और जब वह वहाँ से निकलते थे तब वह एक पूर्ण पुरुष बन चूके होते थे और हर एक विद्या के क्षेत्र में पारंगत होते थे|
Basant panchmi 2025 shubh muhurt-विद्या की देवी हैं माता सरस्वती
सनातन धर्म के वेद वेदांग एवं शास्त्रों के मुताबिक माता सरस्वती विद्या की देवी हैं माता सरस्वती की पूजा मन क्रम वचन और ध्यान से करने से साधक को माता सरस्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है हालांकि ऐसा नहीं है कि आप पढ़ाई-लिखाई नहीं करेंगे और सिर्फ माता सरस्वती की पूजा करेंगे तो आप अपनी परीक्षाओं में पास हो जाएंगे यहाँ पर ये कहा जा रहा है कि आप माता सरस्वती की पूजा करें साथ में कर्म भी करते रहें क्योंकि ईश्वर उन्हीं के साथ होता है जो कर्म करते हैं कर्महीन को तो ईश्वर भी आशीर्वाद भी देते इसलिए अगर आप कठोर मेहनत करते हैं तभी आपको माता सरस्वती की पूजा का परिणाम प्राप्त होगा|