Mahkumbh men snan ke fayde-सनातन संस्कृति में कुंभ का महत्त्व काफी ज्यादा है परंतु इन दिनों जो कुंभ प्रयागराज में लगा हुआ है वह महाकुंभ है यह कुंभ 144 साल के बाद आता है तो इसे महाकुंभ के नाम से जाना जाता है इन दिनों प्रयागराज में स्थित त्रिवेणी में जो कोई भी स्नान करेगा उसे पुण्य फल की प्राप्ति होगी और यह कई गुना ज्यादा होगा|
लेकिन अगर किसी के सामने कोई समस्या है वह महाकुंभ में स्नान के लिए नहीं जा पा रहे हैं तो उनके लिए क्या उपाय है इस ब्लॉग में आपको उपाय जानने को मिलेंगे यहाँ पर हम आपको पांच ऐसे उपाय बताएंगे जो कि वेद एवं शास्त्रों में वर्णित है पर ये आपको यह भी बताएंगे कि ऐसे कौन लोग हैं जो महाकुंभ में स्नान करने के बावजूद भी वहाँ के पुण्य फल से वंचित हो जाते हैं|
Mahkumbh men snan ke fayde-गौ माता के चरणों की धूल
पंचम वेद महाभारत की रचना करने वाले भगवान श्रीकृष्ण के ही दूसरे स्वरूप महर्षि वेदव्यास यह कहते हैं कि जो भी व्यक्ति गौमाता के पीछे-पीछे चलता है और गौ माता के खूर से उत्पन्न होने वाली जो धूल है वह व्यक्ति के ऊपर जब पड़ती है तब उस व्यक्ति को त्रिवेणी स्नान का पुण्य फल प्राप्त होता है गोमाता सनातन संस्कृति में अत्यंत पवित्र मानी गई है|
यह बताया गया है कि गौमाता के शरीर में यानी कि रोम-रोम में देवी और देवताओं का वास है तो जब उनके खुर से उत्पन्न हुई धूल किसी व्यक्ति पर पड़ती है तो उसे त्रिवेणी में स्नान करने का महा फल प्राप्त होता है तो आप गौ माता के चरण रज को अपने माथे पर लगाकर महाकुंभ में स्नान का फल प्राप्त कर सकते हैं|
Mahkumbh men snan ke fayde-माता-पिता की सेवा
अगर आपके घर में बुजुर्ग माता-पिता हैं और आप उनकी सेवा कर रहे हैं तो आपका यह पुनीत कार्य सैकड़ों महाकुंभ में स्नान करने के बराबर है तो अगर आपके घर में आपके बुजुर्ग माता-पिता विराजमान हैं तो आप सच्चे मन से उनकी सेवा करें उन्हें किसी भी प्रकार की तकलीफ ना हो किसी भी प्रकार की पीड़ा आपके द्वारा ना हो वह आपसे संतुष्ट रहें इसका प्रयास करें क्योंकि उनके संतुष्ट हृदय से आप के लिए जो आशीर्वाद उत्पन्न होगा वह महाकुंभ के फल के समान ना होकर बल्कि कई गुना ज्यादा होगा|
Mahkumbh men snan ke fayde-गरीबों एवं असहायों की मदद
अगर आप को ईश्वर ने सक्षम बनाया है तो आप अपनी क्षमता अनुसार गरीबों व असहायों की मदद करें जिनके पास भोजन नहीं है उन्हें भोजन कराएं ठंडी में जिनके पास कंबल नहीं है उन्हें कंबल प्रदान करें अगर आप कि ईतनी क्षमता है कि आप किसी को घर प्रदान कर सके तो उन्हें घर प्रदान करें क्योंकि अन्नदान और गृह दान का जो फल है वह अमोघ है आज भी ऐसे तमाम लोग आपके आस-पास हो जाएंगे मिल जाएंगे जिन्हें दो वक्त की रोटी नहीं मिलती है तो अगर आप उन्हें दो वक्त का भोजन प्रदान करते हैं तो इससे बड़ा पुण्य फल आपको कहीं और मिलने वाला नहीं है|
Mahkumbh men snan ke fayde-अपने कार्य में ईमानदारी
आप आप जो भी कार्य कर रहे हो चाहे वो छोटा हो या बड़ा आप अपने कार्य के प्रति पूर्ण रूप से ईमानदार रहें कभी किसी से एक पैसा गलत तरीके से ना लें ना ही कभी किसी से रिश्वत लें आप जो भी कार्य कर रहे हैं उसे पूरी निष्ठा के साथ करें पूरी लगन के साथ करें यह जो आपका कृत्य है|
यह भी एक महाकुंभ में स्नान करने के बराबर ही है क्योंकि अगर आपने किसी के दिल को दुखाकर गलत तरीके से बेईमानी से धन कमाया और उस धन उसे आप महाकुंभ स्नान करने के लिए जा रहे हैं तो आपको महाकुंभ स्नान का किसी भी प्रकार से कोई भी फल नहीं मिलने वाला है ये शास्त्रोक्त कथन है और शास्त्र में इस बात का पूर्ण रूप से वर्णन है|
Mahkumbh men snan ke fayde-इन्हें नहीं मिलता है महाकुंभ में स्नान का फल
वे लोग जिनके घर में बुजुर्ग माता-पिता हैं और उन्हें किसी बात की तकलीफ है वे अपने घर में बुजुर्ग माता-पिता की तो सेवा नहीं कर रहे हैं लेकिन महाकुंभ में स्नान करने के लिए बड़े चाव से जा रहे हैं वहाँ पर वो बहुत खर्चा कर रहे हैं लेकिन उनके माता-पिता ठंडी में सिकुड़ रहे हैं उन्हें उनकी सेवा नहीं मिल पा रही है तो ऐसे लोग एक महा कुंभ नहीं बल्कि कई लाख महाकुंभ में स्नान कर लें उन्हें किसी भी प्रकार का पूर्ण फल प्राप्त होने वाला नहीं है इसलिए ध्यान रखें सबसे पहले अपने घर में विराजमान बुजुर्ग माता-पिता की सेवा करें उसके बाद कोई धर्म कार्य करें तब जाकर आपको उसका फल प्राप्त होगा|
Mahkumbh men snan ke fayde-नारी का सम्मान
जहाँ नारी की पूजा होती है वहाँ पर ईश्वर का वास होता है यह सनातन संस्कृति के वेदों में वर्णित है पूजा करने का मतलब ये नहीं की आप स्त्री की दोनों समय पूजा करें पूजा करने का मतलब यह है कि आप उनकी मान ,सम्मान एवं स्वाभिमान की रक्षा करें उनका सम्मान करें उन्हें अपने से कमतर ना आकें उनके प्रति किसी भी प्रकार का कोई अपराध ना करें अगर आप ऐसा करते हैं तो यह कार्य भी एक वहाँ पुण्य के समान है|