Latest Allahabad High Court news updates-इलाहाबाद उच्च न्यायालय के द्वारा एक याचिका खारिज कर दी गयी है और बताते चलें की यह भी कहा गया है कि धार्मिक स्थल मुख्यतः ईश्वर की प्रार्थना और इबादत के लिए होते हैं इसलिए लाउडस्पीकरों के प्रयोग को अधिकार के रूप में वर्णित नहीं किया जा सकता है खासतौर पर जब ऐसा प्रयोग अक्सर वहाँ के निवासियों को परेशान करने के लिए किया जाता हो या परेशानी का सबब बनता हो|
Latest Allahabad High Court news updates-याचिका के निपटारे में की गई टिप्पणी
न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्रा की पीठ के द्वारा पीलीभित के मुख्तियार अहमद द्वारा दायर रिट याचिका को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की गई बताते चलें की याचिका में राज्य के प्राधिकारों को एक मस्जिद पर लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति देने के निर्देश केतु ओपन माननीय न्यायालय से निवेदन किया गया था|
Latest Allahabad High Court news updates-सरकारी वकील ने रखा पक्ष
शासकीय अधिवक्ता ने इस आधार पर इस रिट याचिका का विरोध किया की याचिकाकर्ता न तो मुतवल्ली है और न ही उसकी मस्जिद है राज्य की आपत्ति में तथ्य पाते हुए न्यायालय ने कहा कि याचिकाकायकर्ता के पास याचिका दायर करने का अधिकार नहीं है न्यायालय ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि चुकी धार्मिकस्थल ईश्वर की पूजा अर्चना के लिए होते हैं इसलिए लाउडस्पीकर का प्रयोग करना अधिकार के दायरे में नहीं लाया जा सकता|
Latest Allahabad High Court news updates-लाउडस्पीकर बजाना मौलिक अधिकार नहीं
लाउडस्पीकर को बचाना मौलिक अधिकार की श्रेणी में नहीं लाया जा सकता है बताते चलें कि मई 2022 में हाइकोर्ट ने कहा था कि जब कानून में यह प्रावधान आ गया है कि मस्ज़िदों से लौट स्पीकर बजाना मौलिक अधिकार नहीं है और अपने इसी फैसले को दोहराते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुनः एक निर्णय दिया है|