Can the case be terminated mid-trial?– केस और मुकदमे से आम लोग आज के जमाने में काफी ज्यादा डरते हैं यहाँ यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि आम नहीं बल्कि खास भी कोर्ट कचहरी और मुकदमे से दूरी बनाए रखते हैं लेकिन अगर किसी के ऊपर मुकदमा हो ही जाए तो डरने के बजाए उसे फेस करना उचित होता है यहाँ पर आपको जानने को मिलेगा कि कैसे आप अपने मुकदमे को ट्रायल के बीच में भी खत्म करवा सकते है यहाँ पर हम आपको ऐसे कई सारे उपाय बताएंगे जैसे की आप विचारण के दौरान मुकदमे से मुक्ति पा सकते हैं|
Can the case be terminated mid-trial?-फरियादी से राजीनामा करके
केस को खत्म करने का पहला उपाय ये है कि आप पीड़ित या शिकायतकर्ता से समझौता कर सकते हैं इसे राजीनामा भी कहा जाता है भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 359 में बताए गए नियमों के तहत राजीनामा करके मुकदमे को समाप्त किया जा सकता है लेकिन अगर आप स्वाभिमानी हैं और सामने वाले व्यक्ति ने आपके खिलाफ़ फर्जी शिकायत की है तो ऐसी स्थिति में आप राजीनामा ना करके मुकदमे को फेस करें और अंतिम में दोष मुक्त होकर सामने वाले व्यक्ति के ऊपर झूठा मुकदमा करने का केस करें|
Can a case be terminated mid-trial?-राजीनामा नहीं होने की स्थिति में
अगर राजीनामा नहीं होता है तो ऐसी स्थिति में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 290 के तहत प्ली बारगेनिंग जीसे कि सौदा अभिभावक कहा जाता है इसका आवेदन देकर आरोपी अपनी सजा एक चौथाई करवा सकता है यह आवेदन आप अपने अधिवक्ता के जरिये माननीय न्यायालय के समक्ष कर सकते हैं यहाँ पर ध्यान देने योग्य बात यह है कि प्ली बारगेनिंग सिर्फ उन धाराओं के अपराध के लिए लागू होता है जिसमे की सजा सात वर्ष से कम होती है|
Can the case be terminated mid-trial?-गंभीर अपराधों में सबूत न मिलने की स्थिति में
अगर किसी आरोपी के द्वारा गंभीर अपराध कारित किया गया है जैसे कि रेप हत्या और गैंगरेप जैसे मामले ऐसे में अभियोजन पक्ष के सभी गवाह जब अपना बयान बदल देते हैं और आरोपी के पक्ष में गवाही दे देते है तब आरोपी के खिलाफ़ किसी भी प्रकार का कोई पुख्ता सबूत नहीं होने पर जैसे की मेडिकल रिपोर्ट फोरेंसिक रिपोर्ट जब किया आरोपी की घटना के समय उपस्थिति इत्यादि तब ऐसी स्थिति में आरोपी को दोषमुक्त कर दिया जाता है|
Can the case be terminated mid-trial?-बेहतरीन विचारण के लिए क्या करें
न्यायालय में अगर आपके ऊपर किसी भी केस का ट्रायल चल रहा है तो ऐसी स्थिति में जो आपके द्वारा किया जाने वाला सबसे पहला काम होना चाहिये वह यह होना चाहिये कि आप एक उत्कृष्ट अधिवक्ता का चयन करें क्योंकि अधिवक्ता ही न्यायालय में आपकी किस्मत को लिखते हैं इसलिए अगर उनके पास जानकारी नहीं रहेंगी तो वो आपको बीच में ही डूबा देंगे|
Can a case be terminated mid-trial?-किन मामलों में नहीं होता राजीनामा
ऐसा नहीं है कि सभी मुकदमे में राजीनामा का प्रावधान है जो छोटे मामले होते हैं जैसे कि 7 साल से कम सजा जिन केसेस में होती है उनमें राजीनामा किया जा सकता है लेकिन जो गंभीर अपराध होते है जैसे मर्डर हाफ मर्डर ऐसे केसेस में राजीनामा नहीं होता है आपको केस का ट्रायल फेस करना ही होगा|
Can a case be terminated mid-trial?-मेडिकल रिपोर्ट का महत्त्व
गम्भीर अपराध अथवा महिलाओं के विरुद्ध अपराध में मेडिकल रिपोर्ट का अत्यंत महत्त्व होता है आपको यह भी बताते चलें कि अगर मामला हत्या का है तो ऐसी स्थिति में मेडिकल रिपोर्ट का महत्त्व कई गुना बढ़ जाता है और रेप के मामलों को साबित करने के लिए मेडिकल रिपोर्ट रामबाण सिद्ध होता है अगर पीड़िता और आरोपी का डीएनए मैच हो जाता है तो फिर आरोपी को सजा होने से कोई नहीं बचा सकता|