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What is charge sheet in court-जानिये क्या होती है चार्ज शिट? जो कोर्ट में तय  करती है आरोपी की तकदीर 

What is charge sheet in court- चार्जशीट किसी भी आरोपी की पूरी कुंडली होती है उसमें अपराध साक्ष्य और गवाहों की संपूर्ण जानकारी होती है ओर चार्जशीट ही कोर्ट में आरोपी की पूरी तकदीर क्या होगी इस बात का  निर्धारण करती है मुकदमे की दशा और दिशा क्या होगी आरोपी को जमानत मिलेगी या नहीं यह सब कुछ चार्जशीट में शामिल धाराओं से तय होता है आइए इसके विषय में विस्तार से जानते हैं|

What is charge sheet in court- मुकदमा दर्ज होने के बाद जमानत कैसे मिलती है और उस अपराध की जांच कैसे होती है यह जानने के बाद आज हम जानेगे की चार्जशीट क्या होती है और इसमें क्या कुछ शामिल होता है आपने मुकदमा के विषय में तो बहुत कुछ सुना होगा लेकिन चार्जशीट ऐसी चीज़ होती है जो कि कोर्ट में दाखिल की जाती है और इसी के आधार पर यह तय होता है कि अपराध की दशा और दिशा क्या होगी चार्जशीट के 10 प्रमुख स्तंभ होते हैं और यही चीजें उसमें शामिल भी होती है जैसे की आप आसान भाषा में और विस्तार से इस ब्लॉग में जान लेंगे चलिए शुरू करते है|

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What is charge sheet in court-दोनों पार्टियों का नाम

 आपराधिक मुकदमे के विचारण में जो चार्जशीट दाखिल की जाती है उसमें पहली सबसे महत्वपूर्ण चीजें होती है कि दोनों पार्टियों और शिकायतकर्ताओं तथा पीड़ित और आरोपी का नाम शामिल होता है उनकी पूरी जानकारी होती है उनका पेशा क्या है वो क्या काम करते हैं कहां  रहत हैं सब कुछ इसमें शामिल होता है अगर जरूरत पड़ता है तो उसमें आरोपी का फ़ोन नंबर भी डाला जाता है हालांकि यह कुछ अपवाद वाले मामलों में होता है|

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What is charge sheet in court-अपराध के विषय में संपूर्ण जानकारी

 चार्जशीट का दूसरा भाग होता है अपराध की सूचना की प्रकृति पुलिस को अपराध की सूचना कैसे मिली इस बात की संपूर्ण जानकारी पुलिस इस बात का उल्लेख भी करती है कि उसे सूचना लिखित में या मौखिक में मिली सूचना मिलने का समय भी पुलिस उस में उल्लेख करती है और सूचना की प्रकृति क्या है क्या जो धाराएं बनती है उसमें   संज्ञेय  अपराध बनता है या फिर असंज्ञेय अपराध बनता है या सभी जानकारी चार्जशीट में दर्ज की जाती है|

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What is charge sheet in court-शिकायतकर्ता की संपूर्ण जानकारी

 चार्जशीट का जो तीसरा भाग होता है वह पीड़ित की शिकायत का आधार पर पीड़ित का नाम होता है यानी की जो शिकायतकर्ता होता है उसका पूरा नाम पता और पिता का नाम शामिल होता है अगर  मामला मारपीट का है तो यह भी बताया जाता है कि मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर यह ते होता है  की फरियादी को किस तरह की चोटें आई हैं मुकदमा दर्ज करवातें समय उसे कहाँ-कहाँ दर्द था इस बात का भी उल्लेख चार्जशीट में किया जाता है|

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What is charge sheet in court-पीड़ित और आरोपी का मेडिकल रिपोर्ट

 चार्जशीट का जो चौथा महत्वपूर्ण भाग होता है वह पीड़ित और आरोपी की मेडिकल रिपोर्ट होती है अगर आरोपी को गिरफ्तार किया गया है तब उस स्थिति में  आरोपी का मेडिकल रिपोर्ट चार्जशीट में लगाया जाता है अगर मामला बलात्कार का है तो ऐसी स्थिति में भी पीड़ित का मेडिकल रिपोर्ट चार्जशीट में दाखिल किया जाता है और जो पीड़ित है जिसे कि मारपीट में चोट लगी है उसका भी मेडिकल रिपोर्ट चार्जशीट में उल्लेखित किया जाता है और अगर पीड़िता है जिसके साथ में बलात्कार हुआ है उस स्थिति में भी उसके मेडिकल रिपोर्ट को चार्जशीट में उल्लेखित किया जाता है|

What is charge sheet in court-आरोपी के  गिरफ्तारी के संबंध में महत्वपूर्ण दस्तावेज

 पुलिस जीस आरोपी को गिरफ्तार करती है वो एक या एक से अधिक भी हो सकते हैं ऐसी स्थिति में आरोपी की गिरफ्तारी के संबंध में संपूर्ण महत्वपूर्ण दस्तावेज चार्जशीट में होते हैं यानी कि आरोपी को कब गिरफ्तार किया गया गिरफ्तार करते समय कौन से गवाह थे आरोपी के परिवार को सूचना दी गई कब दी गई और किस माध्यम से दी गई आरोपी के शरीर पर किस तरीके के निशान हैं सारी जानकारी चार्जशीट में पुलिस के द्वारा दर्ज की जाती है|

What is charge sheet in court-गवाहों का बयान साक्षियों का उल्लेख

 इसके उपरांत चार्जशीट का छठवां सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है गवाहों के बयान जो कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 180 के तहत दर्ज किए जाते हैं घटना के संबंध में जीतने भी प्रत्यक्षदर्शी साक्षी होते हैं उनका बयान पुलिस दर्ज करती है कि उन्होंने क्या देखा कब देखा और किस स्थिति में देखा इसके साथ ही आरोपी के हाथ में क्या हथियार थे ये सारी जानकारी उस गवाहों के माध्यम से ली जाती है और पीड़ित के साथ में गवाहों  के क्या संबंध हैं  वह पीड़ित को कैसे जानते हैं यह जानकारी भी पुलिस चार्जशीट में दर्ज करती है|

What is charge sheet in court-आरोपी से जब्त किया हुआ हथियार या सामग्री

 पुलिस के द्वारा आरोपी से जो भी सामग्री या हथियार जब्त किए गए होते हैं और यह जब की गिरफ्तारी के समय होती है तब पुलिस इस बात का उल्लेख चार्जशीट में करती है कि संबंधित आरोपी से गिरफ्तारी के दौरान इस तरह के हथियार जब्त किए गए हैं अगर हथियार पर किसी भी प्रकार का रक्त लगा हुआ है या कोई निशान है तो इस बात की जानकारी भी चार्जशीट में पुलिस के द्वारा दी जाती है|

वह हथियार कितना खतरनाक या घातक है इस विषय को भी उस में उल्लेखित किया जाता है अगर हथियार आग्नेयास्त्र या बंदूक से संबंधित है तो यह भी बताया जाता है कि वह लाइसेंसी हथियार हैं अथवा अवैध  हथियार है अगर गैर लाइसेंसी हथियार आरोपी के पास से बरामद होता है तो आर्म्स ऐक्ट के तहत भी मुकदमा पंजीबद्ध कर लिया जाता है|

What is charge sheet in court-घटनास्थल का नक्शा पंचनामा

 पुलिस के द्वारा पटवारी की मदद से जो घटना स्थल का नक्शा तैयार करवाया गया रहता है और पुलिस जो पंचनामा तैयार करती है और उस घटना स्थल पर जाने के बाद पुलिस को क्या ऐसे सबूत मिलते हैं जिसे चार्जशीट में दर्ज किए जाने चाहिए उसे भी पुलिस के द्वारा चार्जशीट में दर्ज किया जाता है इससे मजिस्ट्रेट को यह  समझने में आसानी होती है कि घटना किस स्थान पर हुई थी आरोपी अगर घटना स्थल से भागा तो आखिर  किस दिशा से भागा होगा और भी विभिन्न प्रकार की जानकारी नक्शे से प्राप्त होती है|

What is charge sheet in court- मुकदमे से संबंधित अन्य दस्तावेज

 चार्जशीट का नौ वां भाग होता है मुकदमे से संबंधित अन्य दस्तावेज अगर आरोपी आदतन अपराधी है और वह लगातार अपराध कर रहा है तो इस विषय की जानकारी भी पुलिस के द्वारा चार्जशीट में दर्ज की जाती है और बताया जाता है कि या आप लगातार अपराध करने वाला आदतन अपराधी हैं आदतन अपराधी को कोर्ट से जमानत मिलने में काफी मुश्किल होती है इसके अलावा केस से संबंधित अन्य कोई दस्तावेज होता है उसे भी चार्जशीट में शामिल किया जाता है|

What is charge sheet in court-वीडियो ग्राफिक्स और फोरेंसिक रिपोर्ट

 चार्जशीट का जो अंतिम भाग होता है वह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के धारा 176 के तहत विडियोग्राफ और फोरेंसिक रिपोर्ट का होता है इसलिए फोरेंसिक रिपोर्ट और वीडियोग्राफी तथा इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस को पुलिस चार्जशीट में बयान करती है और उसे भौतिक रूप से भी जब्त करके माननीय न्यायालय के समक्ष पेश करती है  मान लीजिये अगर किसी पीड़िता के साथ में ही बलात्कार हुआ है और इस संबंध में आरोपी ने उसकी वीडियोग्राफी भी की है तो उस वीडियो को कोर्ट के सामने पुलिस के द्वारा प्रस्तुत किया जाता है इसी तरह सभी अपराधी होता है|

चार्जशीट कैसे मिलती है

 पुलिस जब चार्जशीट तैयार कर लेती है और कोर्ट में जिसदिन चार्जशीट पेश करती है उस दिन आरोपी और पीड़ित दोनों को चार्जशीट की एक प्रति नि:शुल्क पुलिस के द्वारा दी जाती है ध्यान रहे कि कुछ जगह पर रिश्वत के रूप में पैसे भी लिए जाते हैं लेकिन आपको सावधान रहना है और ये जानना है की चार्जशीट के लिए किसी भी प्रकार  के शुल्क का प्रावधान नहीं है|

 क्या चार्जशीट एक सार्वजनिक दस्तावेज है

 माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार चार्जशीट एक सार्वजनिक दस्तावेज नहीं हैं तथा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के अनुसार भी चार्जशीट एक सार्वजनिक दस्तावेज नहीं है और इस दस्तावेज़ तक आमजन  की पहुँच नहीं हो सकती है| क्योंकि पुलिस जांच के प्रत्येक तत्व को चार्जशीट में उल्लेखित करती है अगर यह आम जनता तक पहुंचती है तो मामले की सुनवाई पर विभिन्न प्रकार के प्रभाव पड़ सकते हैं|

चार्जशीट और एफआइआर में अंतर

 कई लोगों को लगता है की चार्जशीट और प्रथम सूचना रिपोर्ट में काफी समानता होती है लेकिन यह एक दूसरे से काफी अलग होते हैं प्रथम सूचना रिपोर्ट महज एक सूचना होती है जबकि चार्जशीट उसे सूचना के आधार पर की गई जांच की एक विश्लेषण रिपोर्ट होती है जिसमे की सबूत एवं साक्ष्य पूरी तरीके से प्रस्तुत किए जाते हैं|

Tiwari Shivam

शिवम तिवारी को ब्लॉगिंग का चार वर्ष का अनुभव है कंटेंट राइटिंग के क्षेत्र में उन्होंने एक व्यापक समझ विकसित की है वे बहुराष्ट्रीय कम्पनियों व दुनिया के नामी स्टार्टप्स के लिये भी काम करते हैं वह गैजेट्स ,ऑटोमोबाइल, टेक्नोलॉजी, स्पेस रिसर्च ,इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ,कॉर्पोरेट सेक्टर तथा अन्य विषयों के लेखन में व्यापक योग्यता और अनुभव रखते हैं|

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