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5 disadvantages of credit card-क्रेडिट कार्ड लेने जा रहे हैं तो जानिये दर्दनाक सच्चाई कैसे इसके चक्कर में फंसकर जान दे रहे हैं लोग

5 disadvantageS of credit card-पहले के समय में साहूकार हुआ करते थे जो लोगों को उनकी जरूरत पर ब्याज दिया करते थे और उस कर्जदार की पुश्तें निकल जाया करती थी लेकिन सिर्फ ब्याज ही चुका पाते थे मूलधन वैसे का वैसा पड़ा रहता था आज उस साहूकारों की जगह क्रेडिट कार्ड ने ले ली है|

और इसी क्रेडिट कार्ड के जाल में फंसकर तमाम लोग आत्महत्या कर रहे हैं मनी एंड मेडिकल हेल्थ के एक सर्वे में सामने आया है कि इंग्लैंड जैसे देश में 4,20,000 लोग हर वर्ष कर्जे के कारण सुसाइड करते हैं एक स्टडी में ये भी पता चला है कि भारत में 15-20 लोग रोज़ कर्ज के कारण से सुसाइड करते हैं यह सिर्फ कागजी आंकड़ा है वास्तविक इससे काफी अलग है क्योंकि कर्ज के कारण आत्महत्या करनेये ज्यादातर मामले रिपोर्ट ही नहीं हो पाते|

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क्रेडिट कार्ड क्या है और कैसे काम करता है

प्रत्येक खाता धारक को बैंक के द्वारा उसके क्रेडिट स्कोर के मुताबिक जारी किया जाने वाला एक कार्ड होता है जिसे क्रेडिट कार्ड कहते है उसके माध्यम से वह खाता धारक उस लिमिट के मुताबिक बैंक से लोन ले सकता है और शॉपिंग वगैरह कर सकता है|

लेकिन यह लोन उसे आने वाले नियत अवधि पर एक नीयत इंटरेस्ट यानी की ब्याज के साथ चुकाना होता है अगर वह उस अवधि तक उस मूलधन को ब्याज के साथ नहीं चुकाता है तो वो ब्याज कंपाउंड इंटरेस्ट में बदलने लगती है और हर महीने बढ़ती जाती है अगर लंबे समय तक वह लोन न चुकाया गया तो बैंक उस खाता धारक के ऊपर केस कर देता है और हो सकता है की उसकी प्रॉपर्टी को कुर्की करके वो पैसा उसे चुकाना पड़ जाए और वह व्यक्ति सड़क पर आ जाए इसके अतिरिक्त बैंक के द्वारा हेवी इंट्रेस्ट रेट लगाकर भी लोन वसूला जा सकता है और आप लंबे समय तक बैंक को कर्ज चुकाने से मन भी नहीं कर सकते हैं|

मार्केट में आ गए हैं प्राइवेट लोन एप्स

जब कोई व्यक्ति क्रेडिट कार्ड से लोन लेता है और उस लोन को नहीं चुका पाने की स्थिति में बैंक उसे कोई लोन नहीं देता है तब वह थर्ड पार्टी ऐप्लिकेशंस और प्राइवेट लोगों के पास में जाता है जो कि ब्याज पर पैसा देते हैं उनके ब्याज को लेकर RBI की गाइडलाइन्स तो है लेकिन इन गाइडलाइन्स को कोई फॉलो करता नहीं है ऐसी स्थिति में वहाँ प्राइवेट व्यक्ति 10 से 15% महीने  के ब्याज पर सामने वाले व्यक्ति को पैसा देता है आजकल मार्केट में तमाम चाइनीज लोन ऐप्लिकेशन भी आ गए हैं जो की इन्स्टैंट तरीके से बिना किसी डॉक्यूमेंट के लोन प्रोवाइड करवा देते हैं लेकिन इसके साथ ही उस लोन लेने वाले व्यक्ति की गैलरी ,फ़ोन कॉल और बाकी चीजों को ऐक्सेस कर लेते हैं|

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 समझिये कि उसका फ़ोन हैक कर लेते हैं और फिर लोन नहीं देने पर उस फोटोज को सोशल मीडिया पर वायरल करते है कॉल लॉग में जीतने लोग रहते हैं उनको फ़ोन करके बताया जाता है और व्यक्ति को प्रताड़ित किया जाता है तमाम मामली तो ऐसे भी सामने आए हैं की नहीं लोन ऐप्लिकेशन के कारण लोगों ने आत्महत्या तक कर ली है|

भारत सरकार का वित्त मंत्रालय लगातार इन लोन ऐप्लिकेशन पर शिकंजा कसने का प्रयास कर रहा है लेकिन अब तक कोई कारगर रणनीति सामने नहीं आई है वहीं जो लोग ब्याज पर पैसा देते हैं उनके अपने प्राइवेट लोग भी होते हैं जो कि बिना किसी नियम कानून को फॉलो किए कभी भी कहीं भी जाकर कर्जदार से वसूली करते हैं और उसका जीना मुश्किल  कर के रख देते हैं  तो ये समझ लीजिये की ये एक ऐसी स्थिति हो जाती है जिसमें व्यक्ति डिप्रेशन एंजाइटी और कई तरह की चीजों से घिर जाता है|

आपकी आदत का उठाते हैं फायदा

हमारे खर्चे दो तरह के होते हैं पहला खर्चा ये होता है कि हमारी जरूरत क्या है और दूसरा खर्चा ये होता है कि हमारा शौक के होते हैं आपके पास जब क्रेडिट कार्ड रहता है तब आप अंधाधुंध शॉपिंग करते है आप ये देखते हैं कि आपके क्रेडिट कार्ड की जो लिमिट है वो 5,00,000 तक है तो आप ₹5,00,000 तक का खर्चा बिना सोचे समझे कर देते है उस वक्त आपके दिमाग में ये बात नहीं आती है की ये जो 5,00,000 अभी खर्च कर रहे हैं एक मोटे ब्याज के साथ उसे आपको बैंक को चुकाना भी होगा|

अगर नहीं चुकाते हैं तो आपके ऊपर गंभीर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है बैंक क्रेडिट कार्ड कंपनियां आपके इसी आदत का फायदा उठाती है और आप क्रेडिट कार्ड के लिए ऑफर के दलदल में फंसकर खुद को बर्बाद करने की दिशा में एक कदम बढ़ा देते हैं इसलिए अपनी आदतो को सुधारे और अपनी कमाई के हिसाब से ही खर्च कीजिये अगर अपनी लाइफ स्टाइल को थोड़ा कम खर्चीला करके आप पैसे बचा सकते हैं तो इसमें कोई बुराइ नहीं है|

सैलरी से ज्यादा लोग करते हैं खर्चा

पहले के समय में जब लोग सेविंग्स पर ज्यादा ध्यान देते थे और लोन लेने के बारे में कम सोचते थे तब लोगों के पास में ऐसी समस्या नहीं होती थी लेकिन आज के इस युग में लोग देखा-देखी तरीके से चीजों को अंधाधुंध तरीके से खरीदते हैं जैसे ही ऑनलाइन ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर किसी भी प्रकार की कोई सेल आती है धड़ाधड़ ऑर्डर करना शुरू कर देते चाहे उनके अकाउंट में पैसा हो या ना हो ऐसी स्थिति में हो क्रेडिट कार्ड और शॉपिंग कार्ड का उपयोग करते हैं जिससे कि उनके ऊपर एक्स्ट्रा कर्जा भी चढ़ जाता है तमाम लोग तो ऐसे हैं जो अपनी सैलरी से ज्यादा महीने में खर्चा करते हैं जबकि नियम यह है कि आपको ऐसी कोई भी चीज़ ईएमआई पर नहीं खरीदनी चाहिए जिसकी ईएमआई आपकी सैलरी के 30% ज्यादा हो|

चक्रवर्ती ब्याज का चक्रव्यूह

कभी कभी ऐसी स्थितियां देखने को मिलती है जब व्यक्ति लगातार ब्याज चुकाता जाता है और उसका मूल धन वैसे का वैसा ही रहता है इसे ही चक्रवृद्धि ब्याज कहते हैं ब्याज पर लगने वाली ब्याज आप चुकाते रहते हैं और आपका मूलधन  उसी तरह से पड़ा रहता है आप सोचकर कल्पना करके देख सकते हैं की कैसी विषम परिस्थिति हो जाती है जब आपके खून पसीने की कमाई ब्याज में चली जाती है फिर भी आप का कर्जा नहीं चुक पाता है ये बैंक का और क्रेडिट कार्ड बेचने वाली कंपनियों का एक ट्रैप होता है जिसमे आप बिना सोचे समझे फंस जाते हैं|

बचने का क्या है तरीका 

  • क्रेडिट कार्ड और लोन ट्रैप से बचने का एक तरीका ये है कि अपने खर्चों पर नियंत्रण रखें इसके लिये आपको अपनी जरूरत और शौक के बीच का अंतर समझना ही होगा|
  • EMI पर चीजों को खरीदने से तब तक बचें जब तक उसकी अत्यंत आवश्यकता ना हो|
  • पड़ोसी को देख कर या दूसरे के देखा देखी में चीजों को खरीदने से बचें फालतू का दिखावा करने की कोशिश ना करें ऐसे में आपके ऊपर से कर्जा चढ़ेगा और कुछ नहीं|
  • अपने पैसे को बचाने पर ध्यान दें क्योंकि अगर आप अपना पैसा नहीं बचाते हैं तो फिर ध्यान रखिए आप किसी लायक नहीं बचेंगे|
  • मनी मैनेजमेंट सीखिए यह सीखिये की पैसे को कैसे बचाया जाता है और कैसे इन्वेस्ट किया जाता है|
  • बैंक ,ई-कॉमर्स वेबसाइट डिस्काउंट ऑफर्स के ट्रैप में न पड़ें जो चीजें आप की आवश्यकता एवं जरूरत के मुताबिक हैं उन्हीं को खरीदे|
  • EMI पर उतनी ही चीजें खरीदें जितना की  आप मैनेज कर सकते हैं बहुत ज्यादा चीजें जब आप खरीदेंगे तो ये आपको काफी बड़ी समस्या के दलदल में फंसा देगा|

डॉ. चिरंजीवी प्रताप सिंह चौहान

कंटेंट राइटिंग में 6 साल का अनुभव है अर्थशास्त्र, तकनीकी, ऑटोमोबाइल, इंश्योरेंस पॉलिसी के विषय में व्यापक स्तर पर पकड़ रखते हैं।

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